अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा जारी सूची से एक बार फिर जमीन खरीद-फरोख्त का मामला गूँजने लगा है। अवैध प्लाटिंग और अवैध कॉलोनाइजर की वायरल सूची में बीजेपी के नगर विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ,मिल्कीपुर के पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय सहित 40 लोगों के नाम है।
अनुराग शुक्ला
अयोध्या: पिछले वर्ष श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा खरीद-फरोख्त की गई भूमि में धांधली का मामला सुर्खियों में रहा। इस प्रकरण में कई जनप्रतिनिधि समेत जिले के शीर्ष पूर्व अधिकारियों के नाम उजागर हुए थे। एक बार फिर जमीन खरीद-फरोख्त का जिन्न जमीन से बाहर आ गया है। विकास प्राधिकरण द्वारा जारी सूची से एक बार फिर जमीन खरीद-फरोख्त का मामला गूँजने लगा है। अवैध प्लाटिंग और अवैध कॉलोनाइजर की वायरल सूची में बीजेपी के नगर विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ,मिल्कीपुर के पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय सहित 40 लोगों के नाम है। जिन्होंने अवैध प्लाटिंग की है। जानकारों का मानना है इस सूची में कई बड़े भू- माफिया का नाम नही है। जिन्होंने जिले के कई पूर्व अधिकारियों को जमीने नजराने के तौर भेंट की थी ।उन्हें बक्स दिया गया है।
जमीन के खेल की जांच के लिए अयोध्या सांसद ने सीएम को लिखा था पत्र
कुछ दिन पहले अयोध्या सांसद लल्लू सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर अयोध्या में जमीन की अवैध तरीके से खरीद -फरोख्त होने की बात कहते हुए एसआईटी से जांच कराए जाने की मांग की थी । सूत्रों के अनुसार इसी के बाद जिले के आला अधिकारी हरकत में आए ,और उन्होंने टॉप भू- माफिया की लिस्ट बनाकर शासन को भेज दिया है। जिसमे अयोध्या के विधायक और मेयर के नाम भी शामिल है। हालांकि मेयर ऋषिकेश उपाध्याय और विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने सूची पर सवाल खड़े किए है। मेयर ने लेखपाल द्वारा जारी की गई सूची पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि उन्होंने पिछले 10 वर्षों से किसी भी प्रकार की कोई रजिस्ट्री नहीं कराई है। दूसरी तरफ विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने सूची को बकवास करार दिया है।
सपा के पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडे ने नजूल विभाग के ऑफिस को तत्काल सील किए जाने की उठाई मांग
सपा के पूर्व राज्यमंत्री तेज नारायण पांडे ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर मामले को गंभीरता से लेते हुए विकास प्राधिकरण के कुछ खास पटल ,कार्यालय व नजूल के रेकार्ड रूम को तत्काल सील कराने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि अयोध्या में जमीनों की खरीद-फरोख्त का काम बड़े पैमाने पर चल रहा है। उन्होंने कहा शहर के चारों तरफ अवैध प्लाटिंग व अवैध कालोनियों की भरमार हो गई है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इस पूरे गोरखधंधे में विकास प्राधिकरण नजूल और राजस्व विभाग के कई भ्रष्ट अफसर शामिल है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता गौरव तिवारी वीरू ने भी जमीन के खेल की जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि सही तरीके से अगर जांच होगी तो कई अधिकारी और सफेदपोश बड़े पैमाने पर जमीन के खरीद-फरोख्त में शामिल मिलेंगे।
विकास प्राधिकरण पर भी गठजोड़ का लगता रहा है आरोप
अयोध्या विकास प्राधिकरण का भू- माफियाओं के साथ गठजोड़ का आरोप लगता रहा है। लोगों का कहना है कि अवैध प्लाटिंग होने पर प्राधिकरण के अधिकारियों की नींद क्यों नहीं टूटी। जब डूब क्षेत्र में मकान बन रहा था तो वहां पर नागरिक सुविधाएं क्यों दी गई। नक्शा अगर पास नहीं था तो वह मकान कैसे बन गया। लोगों का कहना है अयोध्या में बड़े स्तर पर जमीनों की खरीद-फरोख्त की गई है। जिसमें भू -माफिया, विकास प्राधिकरण, राजस्व, नजूल और तहसील की मिलीभगत है। सूत्रों के मुताबिक नगर में प्रॉपर्टी डीलरों की संख्या 3 दर्जन से अधिक है और किसी का भी रजिस्ट्रेशन रेरा में नहीं है। यही कारण है राम मंदिर निर्माण की घोषणा होते ही जिले में प्रॉपर्टी डीलरों की बाढ़ सी आ गई है और लगभग 3 दर्जन से अधिक अधिक अवैध कालोनिया बसा दी गई है।