भाजपा अकेले दम पर 12 राज्यों में शासन चला रही है, जबकि 4 राज्यों में वह सरकार में सहयोगी है। भाजपा की चारों राज्यों में वापसी से साफ है कि राज्यों की सरकारों को जनता ने उनके काम के लिए पसंद किया और दोबारा मौका दिया है।
पॉलिटिकल डेस्क। पांच राज्यों के चुनावों में पंजाब को छोड़कर उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भाजपा ने एक बार फिर सरकार बना ली है। आज यूपी में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के शपथ ग्राहण के बाद से फिर से भाजपा अपने राज्यों में कायम हो गई है। भाजपा अकेले दम पर 12 राज्यों में शासन चला रही है, जबकि 4 राज्यों में वह सरकार में सहयोगी है। भाजपा की चारों राज्यों में वापसी से साफ है कि राज्यों की सरकारों को जनता ने उनके काम के लिए पसंद किया और दोबारा मौका दिया है। यही वजह रही कि उत्तराखंड में चुनाव हारने के बाद भी सीएम पुष्कर सिंह धामी को भाजपा ने एक और मौका दिया। आइये जानते हैं कि किन राज्यों में भाजपा पूर्णत: शासन कर रही है और कौन हैं इनके मुख्यमंत्री...
गुजरात : भूपेंद्र भाई पटेल (Bhupendra Patel) गुजरात के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं। घाटलोडिया विधानसभा सीट से पहली बार के विधायक भूपेंद्र पर प्रधानमंत्री मोदी ने भरोसा जताया और सीएम की कुर्सी सौंपी। भूपेंद्र पाटीदार समाज से आते हैं और जमीन से जुड़े हैं। 60 साल के भूपेंद्र अहमदाबाद के शिलाज इलाके के रहने वाले हैं। वे सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा होल्डर हैं। विधायक बनने से पहले वे 1999-2000 में स्थायी समिति के अध्यक्ष और मेमनगर नगरपालिका के अध्यक्ष रहे। 2010-15 के दौरान वे थलतेज वार्ड से पार्षद रहे। 2015-17 के दौरान वे AUDA यानी अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रह चुके हैं।
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हरियाणा : भाजपा शासित हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री हैं। 26 अक्टूबर 2014 को उन्होंने हरियाणा के 10वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। अभी उनका दूसरा कार्यकाल चल रहा है। 2014 में वे 18 साल बाद इस कुर्सी पर बैठने वाले पहले गैर जाट नेता थे। वे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)के प्रचारक रह चुके हैं। 2014 में उन्होंने अपना पहला चुनाव जीता था।
मध्यप्रदेश : मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान 23 मार्च 2020 को चौथी बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने। इससे पहले 2018 में हुए चुनावों में कांग्रेस को जीत मिली थी और कमलनाथ सीएम बने, लेकिन कांग्रेस के 28 विधायक टूटने से कमलनाथ सरकार गिर गई और कांग्रेस विधायकों के भाजपा में शामिल होने से शिवराज मुख्यमंत्री बन गए। शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश में मामा के नाम से मशहूर हैं। जमीन से जुड़े शिवराज खुद किसान हैं। 2023 में मध्यप्रदेश के चुनावों में फिर वह सीएम के दावेदार होंगे।
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कर्नाटक : बसवराज सोमप्पा बोम्मई कर्नाटक के 23वें मुख्यमत्री हैं। बोम्मई 2008 से कर्नाटक के हावेरी जिले में शिग्गांव विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत रहे हैं। पिछले साल येदियुरप्पा को हटाने के बाद भाजपा आलाकमान ने बोम्मई को कर्नाटक की कमान दी थी। बोम्मई येदयुरप्पा सरकार में गृह मंत्री और विधि, संसदीय कार्य और विधान मंत्री रह चुके हैं। पिछले साल दिसंबर में कर्नाटक में हिजाब विवाद के बाद बोम्मई काफी पॉप्युलर हुए।
असम : हिमंत बिस्वा सरमा असम के मुख्यमंत्री हैं। पिछले साल हुए चुनावों के बाद भाजपा ने उन पर भरोसा जताया 10 मई 2021 को उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। इससे पहले वे असम सरकार में मंत्री रहे। भाजपा में आने से पहले सरमा 2001 से 2015 तक कांग्रेस में थे। उन्होंने असम के जालुकबारी क्षेत्र से चुनाव जीते और विधानसभा पहुंचे। बीजपी केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें 2016 में नार्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायन्स (नेडा) का प्रमुख बनाया था।
अरुणाचल : पेमा खांडू अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। अपने पिता के निधन के बाद इन्होंने जून 2011 में अपने पिता के निर्वाचन क्षेत्र मुक्तो से अरुणाचल प्रदेश विधान सभा चुनाव निर्विरोध जीता था। वे उस समय कांग्रेस के उम्मीदवार थे। पेमा 2005 से राजनीति में सक्रिय हैं और 2010 में तवंग जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने थे। 16 जुलाई 2016 को वह कांग्रेस के विधायक दल के नेता के रूप में चुनाव लड़े थे। 37 वर्ष की उम्र में 17 जुलाई 2016 को इन्होंने अरुणाचल के सबसे युवा सीएम के तौर पर शपथ ली थी। इसके बाद 16 सितंबर 2016 को पेमा खांडू 43 विधायकों के साथ कांग्रेस पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल में शामिल हो गए और भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार बनाई। इसके बाद 31 दिसंबर 2016 को वह पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल के 33 विधायकों के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और सरकार का गठन किया।
त्रिपुरा : बिप्लब कुमार देब त्रिपुरा के सीएम हैं। 7 जनवरी 2016 को उन्हें त्रिपुरा भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया था। इसके बाद 2018 में हुए त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में वे भाजपा की जीत के सूत्रधार बने। उन्होंने 9 मार्च 2018 को त्रिपुरा के दसवें मुख्यमन्त्री की शपथ ली। बिप्लब का जन्म त्रिपुरा के राजधर नगर गांव में हुआ था, जो कि वर्तमान में गोमती जिले में है। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़े रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश : जयराम ठाकुर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। दिसंबर 2017 को वह भाजपा विधायक दल के नेता चुने गए और इसके बाद मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। जयराम हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की सिराज विधानसभा सीट से विधायक हैं। इससे पहले 1998 से हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विधायक रहे और हिमाचल प्रदेश की भाजपा सरकार में 2009 से 2012 तक ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री रहे।
उत्तर प्रदेश : योगी आदित्यनाथ 2017 के उत्तर प्रदेश चुनावों से पहले तक गोरखपुर से भाजपा सांसद थे। 2017 में भी उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा था। मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद विधान परिषद से वे एमएलसी चुने गए और पांच साल तक उत्तर प्रदेश में सरकार चलाई। इस बार उन्होंने गोरखपुर शहरी क्षेत्र से चुनाव लड़ा और एक लाख से अधिक वोटों की बड़ी जीत के साथ दोबारा सीएम बने। योगी अपराधी, माफियाओं पर कार्रवाई के लिए प्रसिद्ध हैं। उत्तराखंड में जन्मे योगी बीएएससी करने के बाद घर से निकल गए थे और फिर संन्यास ले लिया। वह गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के महंत भी हैं।
उत्तराखंड : पुष्कर सिंह धामी को भाजपा ने उत्तराखंड चुनावों से 6 महीने पहले सीएम बनाया था। वे इस चुनाव में हार गए, लेकिन नेतृत्व ने उन पर दोबारा भरोसा जताया और उन्हें सीएम बनाया। 46 साल के धामी ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। हाल ही में सीएम पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कॉमन सिविल कोड पर काम कर रही है। इसे लेकर उनकी कैबिनेट की बैठक भी हो चुकी है। धामी उत्तराखंड भाजपा युवा मोर्चा के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं।
गोवा : प्रमोद सावंत एक भारतीय राजनीतिज्ञ और वर्तमान में गोवा के मुख्यमंत्री हैं। सावंत गोवा के सैंकलिम विधान सभा क्षेत्र से विधायक हैं। 2022 के चुनाव में भी उन्होंने बड़े अंतर से जीत हासिल की है। सावंत सीएम होने के साथ-साथ एक आयुर्वेदिक डॉक्टर भी हैं। भाजपा आलाकमान ने लगातार दूसरी बार उन पर भरोसा जताया है। सावंत के नेतृत्व में गोवा में भाजपा 40 में से 20 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी है।
मणिपुर : भाजपा ने लगातार दूसरी बार एन बीरेन सिंह को मणिपुर का सीएम बनाया है। बीरेन राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल खिलाड़ी रह चुके हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत वर्ष 2002 में क्षेत्रीय पार्टी डेमोक्रेटिक पीपुल्स पार्टी से जुड़कर की थी। वे राज्य की हेनगांग विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना और अन्य विकास योजनाओं के जरिये उन्होंने मणिपुर की जनता का दिल जीता है, जिसके बाद उन्हें दूसरी बार सरकार चलाने का मौका मिला है।