Inside Story: कानपुर-फतेहपुर MLC सीट पर SP-BJP के बीच कांटे की टक्कर, सपा की राह पर हैं कई रोड़े

नामाकंन प्रक्रिया के दौरान इटावा-फर्रूखाबाद क्षेत्र में नामांकन के दौरान बीजेपी और एसपी कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। सभी राजनीतिक दलों की नजर कानपुर-बुंदेलखंड की कानपुर-फतेहपुर एमएलसी सीट पर है। एसपी ने एक बार फिर से दिलीप सिंह यादव उर्फ कल्लू यादव पर दांव लगाया है। वहीं बीजेपी ने कानपुर-देहात के जिलाध्यक्ष अविनाश सिंह चौहान पर को उतारा है। एमएलसी चुनाव 2022 में बीजेपी और एसपी के बीच सीधी टक्कर है।

Asianet News Hindi | Published : Mar 21, 2022 12:55 PM IST

सुमित शर्मा
कानपुर:
यूपी एमएलसी चुनाव के नामांकन की सोमवार को अंतिम तारीख है। नामाकंन प्रक्रिया के दौरान इटावा-फर्रूखाबाद क्षेत्र में नामांकन के दौरान बीजेपी और एसपी कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। सभी राजनीतिक दलों की नजर कानपुर-बुंदेलखंड की कानपुर-फतेहपुर एमएलसी सीट पर है। एसपी ने एक बार फिर से दिलीप सिंह यादव उर्फ कल्लू यादव पर दांव लगाया है। वहीं बीजेपी ने कानपुर-देहात के जिलाध्यक्ष अविनाश सिंह चौहान पर को उतारा है। एमएलसी चुनाव 2022 में बीजेपी और एसपी के बीच सीधी टक्कर है। वहीं बीजेपी-एसपी प्रत्याशियों का अपना-अपना राजनीतिक रसूख भी है।

कल्लू यादव एसपी मुखिया अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं। कानपुर देहात में इनका राजनीतिक कद काफी ऊंचा है। एमएलसी निकाय चुनाव 2016 में कल्लू यादव ने बीएसपी के अशोक कटियार को बड़े अंतराल से हराया था। वहीं बीजेपी के अनिल गुप्ता उर्फ चाली तीसरे नंबर थे। लेकिन 2022 एमएलसी चुनाव में कल्लू यादव की राह आसान नहीं है। उनकी टक्कर उन्ही के गृह जनपद कानपुर देहात के बीजेपी जिलाध्यक्ष अविनाश सिंह चौहान से है।

एसपी प्रत्याशी कल्लू यादव ने बीते 16 मार्च को नामाकंन किया था। वहीं बीजेपी प्रत्याशी अविनाश सिंह चौहान ने सोमवार को फतेहपुर कलेक्ट्रेट में नामांकन किया। इस दौरान अविनाश सिंह के साथ आठ बार के विधायक सतीश महाना, बिठूर विधायक अभिजीत सिंह सांगा, गोविंद नगर विधायक सुरेंद्र मैथानी, जिला पंचायत अध्यक्ष, भोगनीपुर विधायक राकेश सचान समेत फतेहपुर के विधायक मौजूद रहे।

पार्टी ने दिया मेहनत का इनाम
कानपुर देहात के रहने वाले अविनाश सिंह चौहान सौम्य स्वाभाव के नेता हैं। अविनाश ने एक छोटे कार्यकर्ता के रूप में बीजेपी ज्वाईंन की थी। उनकी मेहनत को देखते हुए, संगठन ने कानपुर देहात का जिलाध्यक्ष बनाया था। अविनाश सिंह चौहान ने जिला पंचायत चुनाव से विधानसभा चुनाव कड़ी मेहनत की थी। उनकी मेहनत का ही नतीजा है कि बीजेपी ने कानपुर देहात की चारो सीटें जीत कर क्लीन स्वीप कर दिया है।

अविनाश सिंह की संगठन में जबर्दस्त पकड़ है। पार्टी कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों के बीच उनकी अच्छी पैठ है। इसके साथ ही जातीय समीकरणों में भी सामंजस्य बैठाया है। इसी का नतीजा है कि बीजेपी के खाते में कानपुर देहात की चारो सीटे गईं हैं। संगठन ने भी उन्हे प्रत्याशी बनाकर उनकी मेहनत का इनाम दिया है।

एसपी प्रत्याशी कल्लू यादव की राह क्यों नहीं हैं आसान
एसपी के लिए एमएलसी निकाय चुनाव 2022 आसान नहीं है। यदि कानपुर-फतेहपुर विधान परिषद सीट की बात जाए, बीजेपी यहां पर बहुत मजबूत है। कानपुर देहात, कानपुर और फतेहपुर में जिला पंचायत अध्यक्ष बीजेपी के हैं। इन तीनों जिलों में जिला पंचायत सदस्य, बीडीसी, विधायक, सांसद, चेयरमैन, ब्लॉक प्रमुख, पार्षद और बीजेपी समर्थित ग्राम प्रधानों की संख्या सबसे अधिक है। ऐसे हालातों में एसपी प्रत्याशी कल्लू यादव की डगर कठिन हो गई है। यही हाल कानपुर-बुंदेलखंड की सभी एमएलसी सीटों पर है। बीजेपी एमएलसी चुनाव पूरी ताकत से लड़ने जा रही है।

एमएलसी चुनाव 2016 के समीकरण
एमएलसी निकाय चुनाव 2016 में दिलीप सिंह उर्फ कल्लू यादव ने सिटिंग एमएलसी आशोक कटियार को 1580 वोटों से हराया था। कल्लू यादव को 2687 वोट मिले थे। वहीं बीएसपी के अशोक कटियार को 1107 वोट मिले थे। बीजेपी के अनिल गुप्ता उर्फ चाली को 407 वोट मिले थे। इसके साथ ही 257 वोट अवैध करार दिए गए थे, और 15 वोटरों ने नोटा का कालम भरा था। 

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