
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की संगम नगरी प्रयागराज में किन्नरों को मुख्यधारा में लाने के लिए अब उनके पहचान पत्र बनाए जाएंगे। उनकी पहचान के लिए संगम नगरी में काम शुरू कर दिया गया है। डीएम की ओर से यह पहचान पत्र निर्गत किए जाएंगे। शहर में अब तक तीन किन्नरों को पहचान पत्र निर्गत किए गए हैं। इसको लेकर किन्नर कल्याण बोर्ड की सदस्य कौशल्या नंदगिरी टीना मां ने बताया कि इस पहचान पत्र के बन जाने के बाद किन्नरों की तमाम सरकारी योजनाओं का सीधे तौर पर लाभ मिलेगा।
कई विभागों के अधिकारियों के समक्ष हुई बैठक
शहर के सर्किट हाउस में किन्नर कल्याण बोर्ड की बैठक के बाद उन्होंने बताया कि बैठक में शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, समाज कल्याण विभाग समेत कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान उन्हें जरूरी निर्देश दिए गए हैं। कौशल्या नंदगिरी टीना ने आगे बताया कि किन्नर समाज में जागरूकता लाने के लिए शिक्षा को बढ़ावा देना जरूरी है और इसके लिए किन्नरों को शिक्षित करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि किन्नर बच्चों को बच्चों को निःशुल्क शिक्षा मुहैया कराई जाएगी। साथ ही हर अस्पताल में किन्नरों के लिए 5 बेड का अलग वॉर्ड भी बनाया जाएगा और इसकी शुरुआत शहर के मोती लाल नेहरू राजकीय मेडिकल कॉलेज के एसआरएन अस्पताल से हो चुकी है।
किन्नरों के वेलफेयर के लिए लाई जा सके योजनाएं
किन्नर कल्याण बोर्ड की सदस्य कौशल्या नंदगिरी टीना मां के अनुसार थानों में भी किन्नरों की समस्याओं को सुनने के लिए एक अलग सेल बनाया जाएगा। इसके अलावा सार्वजनिक स्थानों पर बनने वाले पब्लिक टॉयलेट में पुरुष और महिला के साथ ही थर्ड जेंडर के लिए भी अलग टॉयलेट की व्यवस्था की जाएगी। इन सबके के लिए पहले पूरे राज्य में किन्नरों की गणना होगी और इसका पूरा विवरण तैयार करके राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा ताकि किन्नरों के वेलफेयर के लिए भी योजनाएं लाई जा सकें। उसके बाद उन योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन भी कराया जा सके।
एक दर्जन से अधिक जिलों में कर चुकी है बैठक
गौरतलब है कि योगी सरकार समाज के हर वर्ग के लोगों का ध्यान रखते हुए महत्वपूर्ण फैसले लिए। इसी प्रकार राज्य सरकार ने किन्नर समाज की समस्याओं को देखते हुए राज्य में किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है। जिसके तहत हर जिले में किन्नर कल्याण बोर्ड के सदस्य जाकर बैठकें कर रहे हैं। इन बैठकों में हर विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहते हैं, जिससे किन्नरों की समस्याओं को लेकर विभागीय अधिकारियों को कार्रवाई के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं। वहीं यूपी किन्नर कल्याण बोर्ड की सदस्य कौशल्या नंद गिरी टीना मां अब तक यूपी के एक दर्जन से ज्यादा जिलों में बैठक भी कर चुकी हैं।
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