UP प्रशासन ने जारी किया आदेश-निराश्रित पशु नहीं मिलने चाहिए घूमते, नहीं तो CDO, CVO व DPRO होंगे जिम्मेदार

मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने यह भी निर्देश दिया है कि यदि स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में पशुओं की मौत होती है तो जिले के सीवीओ व डिप्टी सीवीओ जवाबदेह होंगे। मुख्य सचिव ने नए वर्ष पर निराश्रित पशुओं को आश्रय स्थल पर पहुंचाने की मुहिम शुरू की थी, तय अवधि में सभी पशुओं के आश्रयस्थल न पहुंचने पर तारीख बढ़ाई गई थी। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 25, 2022 6:21 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के निराश्रित पशुओं को आश्रय स्थल पहुंचाने के लिए शासन और सख्त हो गया है। हर जिले में अगले सप्ताह से इसका निरीक्षण होगा और मुख्य विकास अधिकारी (CDO), मुख्य पशु चिकित्साधिकारी (CVO) व जिला पंचायत राज अधिकारी (DPRO) को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने यह भी निर्देश दिया है कि यदि स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में पशुओं की मौत होती है तो जिले के सीवीओ व डिप्टी सीवीओ जवाबदेह होंगे। मुख्य सचिव ने नए वर्ष पर निराश्रित पशुओं को आश्रय स्थल पर पहुंचाने की मुहिम शुरू की थी, तय अवधि में सभी पशुओं के आश्रयस्थल न पहुंचने पर तारीख बढ़ाई गई थी। पिछले दिनों निराश्रित पशुओं की समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि आश्रय स्थलों पर भूसा व हरा चारा आदि के इंतजाम के लिए सभी जिलों को धन जारी कर दिया गया है।

अस्थायी गोआश्रय स्थलों का तत्काल हो निर्माण
यह भी निर्देश है कि निर्माणाधीन आश्रय स्थलों को तत्काल उपयोग के लिए तैयार किया जाए, शेष निर्माण कार्य ठंड कम होने पर मार्च में कराने का आदेश दिया है। जिलों को यह भी निर्देश दिया गया है कि जिन गांवों में निराश्रित पशुओं की समस्या बरकरार है वहां पर मनरेगा के तहत अस्थायी गोआश्रय स्थलों का निर्माण किया जाए, जिनके रखरखाव की जिम्मेदारी संबंधित ग्राम पंचायत की होगी।

900 रुपए प्रतिपशु होगा प्रतिमाह बजट
जिलों को यह भी निर्देश दिया गया है कि जिन गांवों में निराश्रित पशुओं की समस्या बरकरार है वहां पर मनरेगा के तहत अस्थायी गोआश्रय स्थलों का निर्माण किया जाए, जिनके रखरखाव की जिम्मेदारी संबंधित ग्राम पंचायत की होगी। अस्थायी निराश्रित गोआश्रय स्थलों को भी चारे आदि के पशुधन विभाग बजट जारी करेगा। मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि जल्द ही शासन की ओर से नामित अधिकारियों को जिलों के भ्रमण पर भेजा जाएगा, वे निराश्रित स्थलों, गोशाला और ग्रामीण इलाकों का भ्रमण करेंगे। निरीक्षण के दौरान चिकित्सा सेवा का अभाव, ठंड के कारण निराश्रित पशु की मौत, पशुओं से किसान की फसल को नुकसान या फिर निराश्रित पशु घूमते मिले तो कार्रवाई होगी। प्रति पशु के हिसाब से नौसौ रुपए प्रतिमाह बजट दिया जाएगाी। 

Share this article
click me!