Special Story: पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा की जगह पूजा शुक्ला पर सपा को लगाना चाहिए दांव? समझिए चुनावी गणित

उत्तर प्रदेश की लखनऊ उत्तर विधानसभा सीट पर सपा के सीनियर नेता और पूर्व मंत्री रहे अभिषेक मिश्रा को टिकट के लिए टक्कर दे रही हैं युवा नेत्री पूजा शुक्ला। क्षेत्र के लोगों का दावा है कि जहां 2007 के चुनाव में जीत के बाद अभिषेक मिश्रा क्षेत्र से गायब हो गए, वहीं करीब तीन साल से पूजा लगातार चुनावी तैयारियों में जुटी हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jan 18, 2022 7:09 AM IST

दिव्या गौरव त्रिपाठी
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की उत्तर विधानसभा (Lucknow North Vidhansabha Seat) सूबे की राजनीति में काफी अहम स्थान रखती है। दरअसल, इस विधानसभा सीट को खास बनाते हैं यहां के वोटर। यहां के वोटर्स पॉलिटिकल चौसर के हर खाने का हिस्सा हैं। यहां ग्रामीण पृष्ठभूमि से जुड़े लोग भी हैं और बड़ी-बड़ी मल्टिनेशनल कंपनियों में काम करने वाले लोग भी। यहां के जातीय गणित की बात करें तो हर जाति वर्ग के लोग इस क्षेत्र में रहते हैं। फिलहाल बीजेपी के नीरज बोरा (Neeraj Bora BJP) यहां से विधायक हैं। इस इलाके में भाजपा का सीधा मुकाबला सपा से है।

भाजपा ने लखनऊ उत्तर विधानसभा सीट से अभी अपने चुनावी पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी से टिकट मांगने वालों की कतार लंबी है। हालांकि टिकट के लिए असल मुकाबला अखिलेश सरकार में प्रोटोकॉल मंत्री रहे अभिषेक मिश्रा (Abhishek Mishra SP) और पार्टी की युवा नेत्री पूजा शुक्ला (Pooja Shukla SP) के बीच है। लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) से छात्र राजनीति (Student Politics) की शुरुआत करने वाली पूजा इलाके में करीब तीन साल से सक्रिय हैं। खास बात यह है कि युवाओं और महिलाओं के अलावा बुजुर्गों के बीच भी पूजा लगातार अपनी पैठ बनाने की कोशिश में जुटी हैं।

अभिषेक मिश्रा पर 'बाहरी' का ठप्पा
साल 2012 में अभिषेक मिश्रा ने लखनऊ उत्तर विधानसभा का चुनाव जीता था। ब्राह्मण वोटबैंक में बड़ी सेंध लगाकर अभिषेक ने कांग्रेस प्रत्याशी नीरज बोरा को मात तो दे दी थी, लेकिन मंत्री पद मिलने के बाद वह क्षेत्र के लोगों से दूर हो गए। स्थानीय निवासी आदित्य शुक्ला कहते हैं, 'सपा ने 2012 में ब्राह्मण चेहरा दिया और बसपा सरकार से नाराजगी की वजह से यहां के लोगों ने उनको जीत दिलाई। लेकिन उसके बाद जब वह मंत्री बन गए तो उन्होंने पलटकर क्षेत्र की तरफ नहीं देखा। क्षेत्र में वह बस अपने कुछ खास लोगों के कार्यक्रम में ही दिखते थे। उनका घर भी दूसरी विधानसभा में था। यहां के लोग जब उनसे मिलने के लिए उनके घर जाते थे, तो भी वह उपलब्ध नहीं होते थे।'

पूजा बिगाड़ेंगी बीजेपी का खेल!
उत्तर विधानसभा सीट पर जीत का सेहरा उसी के सिर पर बंध सकता है, जिसे ब्राह्मण और पिछड़ी जाति के मतदाता चाहें। पूजा की पैठ जाति के लिहाज से पिछड़ी जाति के मतदाताओं के बीच तो कुछ खास नहीं है लेकिन युवाओं के बीच में उनका काफी क्रेज है। इसके अलावा नीरज बोरा से नाराजगी के चलते भाजपा का कोर वोटर जो ब्राह्मण समाज से आता है, वह भी ब्राह्मण युवा होने के नाते पूजा को अपनी पहली पसंद के तौर पर देखता है। स्थानीय निवासी जया पांडे कहती हैं, 'हम जाति देखकर वोट नहीं करते, पिछले चुनाव में हमने नीरज बोरा को वोट दिया, उससे पहले मेयर और विधानसभा चुनाव में उन्हें हमने ही हार का मुंह दिखाया था। लेकिन 2017 में हमने भाजपा की वजह से नीरज का चुनाव किया। बीते पांच सालों में उन्होंने कोई खास काम नहीं किया। अगर भाजपा कोई अच्छा प्रत्याशी हमें नहीं देगी तो निश्चित ही हम किसी ऐसे प्रत्याशी को वोट देंगे, जो युवा होगा, हमारे बीच का होगा, ना कि बिजनेसमैन।'

ये हैं लखनऊ उत्तरी विधानसभा क्षेत्र के मुद्दे
पेयजल, जल निकासी लखनऊ उत्तर विधानसभा की प्रमुख समस्याएं हैं। इसके अलावा कई क्षेत्रों में सड़कों की हालत भी काफी बुरी है। बिजली और स्वास्थ्य सेवाएं भी क्षेत्र के लोगों के लिए एक बड़ा मुद्दा बन सकती हैं। लखनऊ उत्तरी विधानसभा सीट के अंतर्गत अलीगंज, कपूरथला, फैजुल्लागंज, केशव नगर, कुर्सी रोड के अलावा पुराने लखनऊ का भी थोड़ा हिस्सा आता है। विकास नगर, भरत नगर जैसे इलाके भी लखनऊ उत्तर विधानसभा सीट का हिस्सा हैं।

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