
भदोही(Uttar Pradesh). उत्तर प्रदेश सरकार की नजरें इन दिनों गैंगस्टर और बाहुबली नेताओं पर टेढ़ी हो गई हैं। कानपुर के बिकरू में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद से यूपी पुलिस ने भी अपनी कार्यशैली बदल दी है। यूपी में ढूंढ कर खूंखार अपराधियों का खात्मा किया जा रहा है। गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद से उत्तर प्रदेश पुलिस अपराधियों की नकेल कसने में जुटी है। यूपी के भदोही विधानसभा क्षेत्र से निषाद पार्टी के बाहुबली विधायक विजय मिश्रा ने अपनी हत्या की आशंका जताई है। विजय मिश्रा ने एक वीडियो जारी कर कहा कि ब्राह्मण होने के नाते उन्हें परेशान किया जा रहा है और पुलिस कभी भी उनका एनकाउंटर कर सकती है।
विधायक विजय मिश्रा ने वीडियो जारी कर कहा कि मेरी पत्नी रामलली और बेटे विष्णु को फर्जी मामले में फंसाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि ब्राह्मण होने के नाते उन्हें परेशान किया जा रहा है, क्योंकि वो ब्राह्मण होकर चार बार से विधायक हैं। विजय मिश्रा यह कहते दिख रहे हैं कि उनके साथ ये सब इसलिए हो रहा है ताकि बनारस या चंदौली का कोई माफिया यहां आकर चुनाव लड़ सके। बलिया के किसी बेटे को चुनाव लड़ने की बात भी कर रहे हैं। इसीलिए उनकी हत्या कराई जा सकती है।
हाल ही में दर्ज हुआ है विजय मिश्रा व परिवार पर मुकदमा
हाल ही में विधायक विजय मिश्र, उनकी पत्नी और मीरजापुर-सोनभद्र एमएलसी रामलली मिश्र और उनके कारोबारी पुत्र विष्णु मिश्र पर कृष्णमोहन तिवारी ने मुकदमा दर्ज कराया है। विजय मिश्र, उनकी पत्नी और बेटे पर कृष्णमोहन ने मारपीट करने और उनकी संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया था। 8 अगस्त को पुलिस ने तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था और हाल ही में एक व्यक्ति को धमकी देने के कारण उन पर गुंडा एक्ट लगा था। इसी मामले में विजय मिश्रा ने प्रशासन पर उनके खिलाफ षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया। विधायक ने कहा कि सारे विरोधी नेता और पुलिस विभाग मिला हुआ है। बिना जांच पड़ताल के एफआईआर दर्ज हो रही है जो कि सरासर गलत है। विधायक विजय मिश्रा ने कहा कि सब लोग उन्हें मारना चाहते हैं क्योंकि वह ब्राह्मण हैं।
यूपी के बड़े बाहुबली नेताओं में हैं शुमार
कांग्रेस से 30 साल पहले भदोही में ब्लॉक प्रमुख बनने वाले विजय मिश्रा ज्ञानपुर सीट से 2002, 2007 और 2012 में विधानसभा चुनाव सपा से जीतकर विधायक बने और 2017 के चुनाव में सपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया था, जिसके बाद वो निषाद पार्टी से चुनावी मैदान में उतरे थे और मोदी लहर में भी जीतने में कामयाब रहे। विजय मिश्रा पर पहले से ही छोटे-बड़े मिलाकर करीब 64 मामले दर्ज हैं।
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