UP: कानपुर के चर्चित संजीत यादव हत्याकांड की मिस्ट्री सुलझाएगी CBI, केस ओवरटेक किया, लखनऊ में FIR दर्ज की

कानपुर (Kanpur News) के बर्रा इलाके का मामला है। संजीत यादव 22 जून को घर से ड्यूटी पर निकला था। इसके बाद वह वापस नहीं लौटा। 4 दिन की तलाश के बाद परिजन ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। बाद में 24 जुलाई 2020 को पुलिस (Kanpur Police) ने अपहरण के बाद हत्याकांड का दावा किया। संजीत के दोस्त कुलदीप और राम बाबू समेत अन्य की गिरफ्तारी की। अब एक साल तीन महीने बाद मामले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

कानपुर। यूपी के कानपुर के लैब टेक्नीशियन संजीत यादव (Sanjeet Yadav) के अपहरण और हत्या (Kidnapping and Murder Case) के मामले की जांच सीबीआई (CBI) ने शुरू कर दी है। इस मामले में सीबीआई ने लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच में एफआईआर दर्ज करवाई है। ये मामला 26 जून 2020 का है। बर्रा थाना क्षेत्र के रहने वाले लैब टेक्निशियन संजीत जब काम से लौट रहे थे, तभी रास्ते में उनका अपहरण कर लिया गया था। मामले में पुलिस पर आरोप लगे हैं कि उसने अपहृत युवक के परिजन से अपहरणकर्ताओं को 30 लाख रुपए भी दिलवा दिए। मामले की जांच में लापरवाही सामने आने पर आईपीएस और पीपीएस समेत 9 पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया था। अब सीबीआई जांच में इन अफसरों को फिर से पूरी प्रक्रिया से गुजरना होगा।

फिरौती की रकम लेने के बाद था संजीत को मारने का इरादा, लेकिन फिर हुआ कुछ ऐसा कि पहले ही मार डाला

Latest Videos

ये है पूरा मामला
बता दें कि बर्रा-5 निवासी संजीत यादव (28 साल) का 26 जून, 2020 को अपहरण हो गया था। संजीत के पिता चमन सिंह ने बर्रा थाने में अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी बेटी की शादी राहुल से तय हुई थी, लेकिन राहुल का चाल-चलन ठीक नहीं होने के चलते उन्होंने रिश्ता तोड़ दिया था। इससे राहुल नाराज हो गया और उसने देख लेने की धमकी दी थी। इसके बाद लैब टेक्नीशियन बेटा 22 जून को सुबह 8 बजे घर से एक नर्सिंग होम जाने के लिए निकला था, लेकिन वापस नहीं लौटा। इसके बाद पिता ने राहुल पर संदेह जताया और एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप है कि संजीत को छुड़ाने के लिए घरवालों ने 30 लाख रुपए फिरौती की रकम पुलिस को दी थी। पुलिस ने बदमाशों को पकड़ने के लिए घेराबंदी की, लेकिन वे रकम लेकर भाग निकले। उसके बाद संजीत का कुछ पता नहीं चला।

कोई भैया की बॉडी दिखा दे, उसकी कलाई पर आखिरी बार तो राखी बांध लूं...यह कहते हुए रो पड़ी बहन

पुलिस ने अपहरण के बाद हत्या होने का दावा किया था
कानपुर पुलिस ने 24 जुलाई 2020 को अपहरण के बाद हत्याकांड का खुलासा किया था। संजीत के दोस्त कुलदीप और राम बाबू समेत अन्य की गिरफ्तारी कर दावा किया कि इन्हीं आरोपियों ने अपहरण कर संजीत की हत्या की और शव पांडु नदी में फेंक दिया था। हालांकि, पुलिस शव बरामद नहीं कर सकी। परिजन ने पुलिस के दावे पर भरोसा नहीं किया और सीबीआई जांच की मांग की थी, जिस पर उत्तर प्रदेश की सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।

फिरौती के लिए 26 बार फोन आया फिर भी किडनैपर तक नहीं पहुंच पाई पुलिस, नतीजा- बुझ गया घर का चिराग

Share this article
click me!

Latest Videos

UPPSC Student Protest: डिमांड्स पूरी होने के बाद भी क्यों जारी है छात्रों का आंदोलन, अब क्या है मांग
महाराष्ट्र में हुई गृहमंत्री अमित शाह के बैग और हेलीकॉप्टर की तलाशी #Shorts #amitshah
जमुई में हाथ जोड़कर आगे बढ़ रहे थे PM Modi फिर ये क्या बजाने लगे? झूमते दिखे लोग । PM Modi Jamui
पनवेल में ISKCON में हुआ ऐसा स्वागत, खुद को रोक नहीं पाए PM Modi
Maharashtra Election 2024: 'कटेंगे-बटेंगे' के खिलाफ बीजेपी में ही उठने लगे सवाल। Pankaja Munde