अखिलेश यादव ने जहां लगाए EVM चोरी के आरोप, वहां ये चौंकाने वाली सच्चाई आई सामने, जानिए क्या है पूरा मामला

यूपी चुनाव के सकुशल संपन्न होने के बाद मतगणना से पहले ईवीएम को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। इन सवालों को लेकर जांच के बाद चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई है। ईवीएम चोरी का मामला सामने आने के बाद सपा नेताओं का जमकर हंगामा देखा गया था। हालांकि अब सब शांत हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 9, 2022 7:02 AM IST

वाराणसी: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से मंगलवार को अचानक से बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में यूपी सरकार की प्रशासनिक मशीनरी पर मतगणना को लेकर धांधली का आरोप लगाया गया। अखिलेश ने इसको लेकर ट्वीट भी किया। उन्होंने लिखा कि वाराणसी में EVM पकड़ी गई। अखिलेश के आरोपों के बाद बीजेपी ने भी उस पर पलटवार किया है।

अखिलेश यादव की ओर से लगाए गए आरोपों के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि समाजवादी पार्टी हार रही है। लिहाजा इसका ठीकरा ईवीएम पर फोड़ा जा रहा है। 

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यह था पूरा मामला 
अखिलेश यादव की ओर से लगाए गए आरोप के मुताबिक वाराणसी में ईवीएम पकड़ी गई। उन्होंने कहा कि बिना सुरक्षा के ईवीएम को ले जाया जा रहा था। बिना प्रत्याशी के जानकारी के ईवीएम को एक जगह से दूसरी जगह नहीं ले जाया जा सकता है। आखिर बिना किसी सुरक्षा बल के मशीनों को क्यों ले जाया जा रहा था?  ज्ञात हो कि अखिलेश यादव ने पहले ही कार्यकर्ताओं से ईवीएम की निगरानी को लेकर कहा था। उन्होंने और गठबंधन के कई अन्य नेताओं ने भी जब तक गिनाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं की बात कही थी। 

कई अन्य जिलों से भी सामने आ चुकी हैं ऐसी घटनाए
ईवीएम को लेकर सिर्फ वाराणसी में ही बवाल देखने को नहीं मिला, ऐसी घटनाएं कई जगहों से सामने आई हैं। मिर्जापुर में भी सपा नेताओं ने बीप की आवाज आने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। वहीं बरेली में कचरे के बॉक्स में बैलेट पत्र मिलने की खबर ने भी काफी जोर पकड़ा। जिसके बाद सामने आया कि यह बिना यूज बैलेट पत्र हैं। एसडीएम सदर बरेली धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि कचरे की गाड़ी से बैलेट पत्र ले जाए गए थे। सभी पार्टी के लोगों को बुलाकर दिखाए जाने के बाद वह संतुष्ट हुए। 

बनारस में बवाल के बाद हुई जांच, डमी निकली EVM
वाराणसी में ईवीएम से भरे वाहन को लेकर जमकर बवाल हुआ। धांधली के बाद जांच के लिए प्रशासन और एसपी समेत सभी राजनीतिक दलों के नेताओं में सहमति बनी। इस दौरान अधिकारियों ने भरोसा भी दिया कि अगर कोई गड़बड़ी मिली तो चुनाव रद्द होगा। इसके बाद गाड़ी में मिले ईवीएम की जांच शुरु की गई। उस पर एल्फा, बीटा, गामा के प्रतीक मिलें। यानी की यह डमी ईवीएम थी। इसके बाद बैलेट यूनिट और कंट्रोल यूनिट को भी खोलकर दिखाया गया। वीवीपैट भी सामने रखा गया। सभी दलों के लोगों को इसके बाद स्ट्रांग रूम के सीसीटीवी फुटेज भी दिखाए गए। लगाए गए आरोपों के बाद इस पूरी प्रक्रिया से कमिश्नर और डीएम को दूर रखा गया। 

कमिश्नर और डीएम ने सामने आकर दी सफाई 
वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि यह ईवीएम वो है जो कल ट्रेनिंग के लिए आई थीं। इन्हें यूपी कॉलेज ले जाया जा रहा था। जो ईवीएम की लिस्ट और जो पोलिंग में यूज हुई है उसका मिलान कर लिया जाए गाड़ी अभी भी बाहर ही खड़ी है। अगर ईवीएम का नंबर मिलता है तो हम लोग दोषी हैं। वहीं डीएम कौशल राज शर्मा ने कहा कि जो 20 ईवीएम मिली हैं वह अलग मशीने है। यह मशीने प्रशिक्षण की मशीनें है। 

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