Special Story: वोटर लिस्ट से गायब हुए मतदाताओं के नाम, लोग बोले- हमसे छीना गया हमारा अधिकार

इस बार के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अधिकतर लोगों के नाम वोटर लिस्ट से गायब थे जिस कारण वह अपने मताधिकार का प्रयोग चाहकर भी नहीं कर पाए। सूची से नाम गायब होने के कारण लोग वोट नहीं दे सके और बैरंग लौट आए। लोगों का कहना है कि एक साजिश के तहत वोटर लिस्ट से नाम कटवाए गए हैं।

Asianet News Hindi | Published : Feb 25, 2022 11:48 AM IST

दिव्या गौरव

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election) में इस बार वोटरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अधिकतर मतदाता अपने बूथ पर वोट देने पहुंचे, लेकिन सूची में नाम न होने के कारण बैरंग लौट आए। इस दौरान वोटरों ने जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों पर गुस्सा उतारा। जाहिर है कि मतदाता पुनरीक्षण के दौरान लापरवाही बरती गई। सूची से नाम गायब होने के कारण लोग वोट नहीं दे सके। ये लोग कह रहे थे कि साजिश के तहत नाम कटवाए गए। लोगों ने बताया कि पिछले चुनावों में वोट हमने दिया था, लेकिन इस बार सूची में नाम नहीं है, जिससे मतदान नहीं कर सके और बूथों से निराश लौट आए।

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लोगों ने वोटर लिस्ट से नाम गायब देख किया हंगामा
धामपुर में फूल बाग कालोनी के पूर्व सेना अधिकारी कुशल पाल सिंह ने बताया कि उनकी आयु 75 साल की है। अभी तक वह वोट डालते आए हैं। इस बार जब वह वोट डालने को बूथ पर पहुंचे। उनका नाम वोटर लिस्ट से गायब मिला। अधिकारियों से शिकायत की, मगर किसी ने उनकी नहीं सुनी। धामपुर में ही शुगर मिल निवासी पूनम शर्मा ने बताया कि उनका नाम भी वोटर लिस्ट से गायब मिला। जबकि आज तक ऐसा नहीं हुआ है। राही गांव के अभिषेक जायसवाल, भटपुरवा गांव के मोनी, लवकुश, श्यामपती, बलराम, नन्हे, रवींद्र, मुकेश, संजय के नाम वोटर लिस्ट में नहीं थे, जिससे वोट नहीं डाल सके। बछरावां प्रतिनिधि के मुताबिक मेन चौराहा निवासी व्यापार मंडल अध्यक्ष सुनील सागर का नाम वोटर लिस्ट से डिलीट कर दिया गया। वार्ड नंबर 10 के राम अवतार, राहुल सोनी, मोहम्मद कलीम, मोहम्मद नदीम समेत कई मतदाताओं के नाम सूची से गायब थे।

कई बूथों पर ईवीएम के खराब होने से हंगामा
धामपुर विधान सभा क्षेत्र के कई बूथों पर ईवीएम के खराब होने के कारण मतदान समय से शुरू नहीं हो सका। लाइन में लगे लोगों के हंगामे के बाद खराब ईवीएम को बदलने के बाद मतदान शुरू हो सका। लोगों का कहना है कि कई ऐसे बूथ थे, जहां पर आधा घंटा देर से मतदान शुरू हुआ है। एसडीएम विजय वर्धन तोमर का कहना है कि 11 बूथों पर ईवीएम खराब थीं। जिन्हें बदल कर मतदान सुचारु कराया गया। इसी तरह लखनऊ की प्रज्ञा त्रिपाठी का कहना है कि जिस बूथ पर वह वोट करने गई वहां ईवीएम के खराब होने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अमरेंद्र कुमार ने बताया कि पिछली विधानसभा में सभी ने वोट डाले थे लेकिन बीएलओ की लापरवाही से मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाए। 

इसकी शिकायत लिखित में बीकेटी विधानसभा के रिटर्निंग आफिसर से की है, उन्होंने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।  वहीं, बीकेटी इंटर कॉलेज पर बेटे इरफान के साथ पहुंची 60 वर्षीय खुदैजा, राजेश गुप्ता, विनीता साहू, मल्लाहनखेड़ा की सुशीला आदि का नाम गायब मिला। कैंट के एपी सेन गर्ल्स कॉलेज में गीता अवस्थी का नाम रीता अवस्थी हो गया, जिससे वह वोट नहीं डाल सकीं। इसी तरह काकोरी के 15 बूथों पर 400 मतदाताओं के नाम गायब मिले। इस पर बीएलओ और मतदाताओं के बीच जमकर कहासुनी हुई। वहीं, लखनऊ उत्तर में आर्ट्स कॉलेज नदवा के प्रधानाचार्य मौलाना सयुर्दुरहमान आजमी, कैंट से अनिल मिश्रा ने अपना नाम गायब होने के साथ बेटी का नाम दूसरी जगह होने की शिकायत की। इसी तरह दिन भर कई मतदाता भटकते नजर आए।

जिंदा व्यक्ति को बताया मृत
लखनऊ पश्चिम विधानसभा में सेंट मैरी पब्लिक स्कूल के बूथ संख्या 171 पर 85 वर्षीय जीवित व्यक्ति गुलाम कादिर के नाम के आगे मृत लिखा हुआ था। जबकि वह वोट डालने पहुंचे थे। मतदाता सूची में गड़बडी से वोट नहीं डाल पाए। बड़ी संख्या में पोलिंग बूथों से मतदाता बिना वोट डाले ही मतदान केंद्र से मायूस होकर घर लौट गए। जिसका असर राजधानी के मतदान प्रतिशत पर पड़ा। हाईप्रोफाइल नामों में उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा के चाचा कैलाश चंद्र शर्मा व शायर मुनव्वर राणा का नाम गायब मिला।  बीकेटी विधानसभा के रेवामऊ गांव में बीएलओ की लापरवाही से 250 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से गायब हो गए। जिसके चलते अनुराग, सचिन सिंह, सुधीर सिंह, साधना, रूपाली समेत करीब ढाई सौ मतदाता वोट डालने से वंचित रह गए।

वोट पड़ चुका है, आप वापस जाइए
एमजी कांवेंट स्कूल में वोट डालने पहुंची इंदु वर्मा ने बताया कि वह वोट डालने आईं लेकिन उन्हें बताया गया कि उनके नाम के आगे पोस्टल बैलेट लिखा है। उनका वोट डाला जा चुका है। वह न्याय की गुहार लगाने के बाद मायूस होकर लौट गईं। इसी तरह पत्नी शबीना खातून का वोट डालने के लिए सैयद मोहम्मद अतीक बूथ संख्या 389 पर अधिकारियों की मनुहार करते नजर आए। लेकिन पत्नी का नाम वोटर लिस्ट से गायब मिला।

मुनव्वर राना का नाम भी वोटर लिस्ट से हुआ था गायब
लखनऊ में मशहूर शायर मुनव्वर राना का नाम भी वोटर लिस्ट से गायब है। नाम ना होने पर नाराजगी जताते हुए मुनव्वर राना ने कहा, 'जब हुकूमत खुद वोट देने का मौका नहीं दे रही है तो दुख किस बात का...' उन्होंने कहा, 'मेरी खुशनसीबी थी कि जहां मैं रहता हूं उसके बराबर में ही पोलिंग बूथ है, मेरे लिए बगल में वोट डालना आसान था,  लेकिन जब मैंने कल यहां के सभासद से पर्ची मांगी तो पता चला कि मेरा वोट ही नहीं है, सिर्फ मेरी पत्नी का वोट है, उनको पर्ची मिल गई थी, जाहिर सी बात है कि इसमें क्या कर सकते हैं।' मुनव्वर राना ने कहा, कि 'पिछली बार मेरा वोट था, मैं इल्जाम नहीं लगाऊंगा कि मेरा वोट जानबूझकर काट दिया, लेकिन मेरा वोट न आने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये सुशासन नहीं कुशासन है, बदइंतजामी की वजह से हमारा पर्चा हमारे पास नहीं आया और हम वोट नहीं डाल सके चुनाव के मुद्दे पर बात करते हुए मशहूर शायर मुनव्वर राना ने कहा, 'जिन मुद्दों पर चुनाव होना चाहिए था, उन मुद्दों पर चुनाव नहीं हो रहा है। 

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