
चंदौली: अक्सर विवादों में रहने वाले चंदौली के सैयदराजा से सपा प्रत्याशी मनोज सिंह डब्लू का पोस्ट चर्चाओं में है। उन्होंने यह पोस्ट सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर किया है। पोस्ट में उनके द्वारा लाठियों की तस्वीरे के साथ कैप्शन दिया गया है। मनोज सिंह ने लिखा कि मतगणना के दिन जरूरत पड़ सकती है... तेल पिला कर रख लीजिए। इस पोस्ट पर कई लोगों की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। कुछ लोगों ने इसे गलत और दुर्भाग्यपूर्ण भी बताया है।
गौरतलब है कि सैयदराजा विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक और सपा प्रत्याशी चुनाव के दौरान से ही चर्चाओं में हैं। मतदान के दिन भी उन पर एक व्यक्ति के घर में घुसकर तोड़फोड़ का आरोप लगा था। वहीं मतदान की पूर्व संध्या पर भी उन पर भाजपा बूथ अध्यक्ष और कार्यकर्ताओं से मारपीट का मामला सामने आया था। इस घटना के बाद बूथ अध्यक्ष की तहरीर पर सपा प्रत्याशी पर 307 समेत कई अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था।
मंगलवार को तकरीबन 3 बजे फेसबुक पेज पर किए गए इस पोस्ट के बाद वह खासा चर्चाओं में आ गए हैं। मनोज ने लाठी की फोटो को पोस्ट करते हुए लिखा कि मतगणना के दिन इसकी काफी जरूरत पड़ सकती है। इसलिए तेल पिला कर रख लीजिए।
क्या है सैयदराजा विधानसभा का इतिहास
1952 में पहली बार इस सीट पर कांग्रेस पार्टी के पंडित कमलापति त्रिपाठी विधायक चुने गए थे। कमलापति त्रिपाठी प्रदेश के मुख्यमंत्री और रेल मंत्री रहे हैं। 2002 में चुनाव हुआ जिसमें बसपा के शारदा प्रसाद ने सपा के राम उजागर गोंड को हराकर जीत हासिल की थी। वही 2007 में शारदा प्रसाद ने पुनः जीत दर्ज की थी। 2012 में इस सीट का नाम बदल कर सैयदराजा कर दिया गया ।
2017 में चर्चा का विषय बनी यह विधानसभा सीट
2012 में इस सीट का नाम बदल कर सैयदराजा कर दिया गया और यह सीट सामान्य हो गई। इस सीट से निर्दल प्रत्याशी मनोज सिंह डब्लू ने जेल से चुनाव लड़ रहे और बाहुबली बृजेश सिंह को हराया। लेकिन 2017 के चुनाव में बृजेश सिंह के भतीजे सुशील सिंह ने अपने चाचा की हार का बदला लिया और सैयदराजा विधानसभा की सीट पर कब्जा जमा लिया। 2017 के विधानसभा चुनाव में सैयदराजा सीट पर त्रिकोणात्मक लड़ाई हुआ थी। इस चुनाव में भाजपा, सपा और बसपा में लड़ाई थी। लेकिन 2017 मोदी लहर में यह सीट भाजपा की झोली में आई और सुशील सिंह ने जीत दर्ज की
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