
लखनऊ: पहले और दूसरे चरण में ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Western Uttar Pradesh) में चुनाव होना है। इसको लेकर सियासत लगातार गरमाई हुई है। इस पूरे इलाके को किसान आंदोलन की वजह से ज्यादा प्रभावित माना जा रहा है। कहा यह भी जा रहा है कि किसान आंदोलन की वजह से इस बार बीजेपी के लिए जीत की राह आसान नहीं होगी।
जब भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बात आती है तो जाट और मुसलमानों का जिक्र अवश्य ही होता है। यहां दोनों की ही आबादी काफी अच्छी है। यहां तकरीबन 27 फीसदी मुसलमान हैं तो 17 फीसदी जाट हैं। यह दोनों मिलाकर 43 परसेंट का वोट बैंक होता है। जिस भी पार्टी को यह दोनों वोट मिल जाते हैं उसकी सीट निकलने से कोई भी नहीं रोक सकता। इस बार जाट मुस्लिम वोटबैंक पर समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल की नजरे हैं। उनकी कोशिश है कि इस वोट को अपने पक्ष में लाया जाए। हालांकि इस वोट बैंक को बचाने के लिए बीजेपी भी जोर आजमाइश में लगी हुई है। पार्टी के दिग्गज नेता लगातार पश्चिमी यूपी पर ही अपना ध्यान केंद्रित किए हुए हैं।
तीन बड़े नेताओं का फोकस पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर
पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर बीजेपी के तीन बड़े नेताओं का फोकस है। इसमें मथुरा में अमित शाह, बिजनौर में योगी आदित्यनाथ और गाजियाबाद में राजनाथ सिंह। बीजेपी जानती है कि 2022 की चुनौती काफी बड़ी है। इस बार के हालात 2014, 2017 और 2019 से भिन्न हैं। ऐसे में बीजेपी नेता लगातार पश्चिमी यूपी के दौरे पर लगे हुए हैं।
यूपी में मुस्लिम आबादी का गणित
यूपी में तकरीबन 20 फीसदी आबादी मुसलमान है। 143 सीटे ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोट्स का प्रभाव माना जाता है। 107 सीटों पर मुस्लिम मतदाता ही सीधे तौर पर जीत और हार तय करते हैं। जबकि 70 सीटों पर मुस्लिम आबादी 20 से 30 प्रतिशत है। पश्चिमी यूपी में 9 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम प्रत्याशी आसानी से जीत सकता है। सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाली सीट की बात हो तो यह रामपुर है। यहां 50 फीसदी से ज्यादा मुसलमान है।
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।