Inside Story: सड़क न होने पर ग्रामीणों ने किया मतदान का बहिष्कार, पीठासीन अधिकारी ने जीरो वोट के साथ EVM की सील

कानपुर-इटावा में तीसरे चरण के विधानसभा चुनाव में भरथना विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बीहड़ी इलाके में पड़ने वाले एक गांव में आजादी से लेकर अभी तक सड़क नहीं बनी है। इससे नाराज ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया। समय खत्म होने के बाद जीरो वोट के साथ पीठासीन अधिकारी को ईवीएम मशीने पैक कर वापस लौटना पड़ा।

Asianet News Hindi | Published : Feb 21, 2022 9:01 AM IST

सुमित शर्मा

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर-इटावा में तीसरे चरण के विधानसभा चुनाव में भर्थना विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बीहड़ी इलाके में पड़ने वाले एक गांव में आजादी से लेकर अभी तक सड़क नहीं बनी है। इससे नाराज ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया। पीठासीन अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारियों घण्टो समझाने की कोशिश में नाकाम रहे। पूरे गांव की पोलिंग बूथ पर सुबह से ही सन्नाटा पसरा रहा। एक भी ग्रामीण मतदान करने पोलिंग बूथ पर नहीं गया। मजबूरी में समय खत्म होने के बाद जीरो वोट के साथ पीठासीन अधिकारी को ईवीएम मशीने पैक कर वापस लौटना पड़ा।

ग्रामीण धुन्नू सिंह- वोट लेकर सबको छला
ग्रामीण धुन्नू सिंह ने बताया कि उनके गांव कायक्षी का अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई में विशेष योगदान रहा है। पूरे देश में यही एक ऐसा गांव है जिसकी सरजमीं पर आजतक न तो अंग्रेज और न ही कोई शासक कदम रख पाया। ऐसे ऐतिहासिक गांव में आजादी से लेकर अभी तक सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है। आजादी के बाद से ग्रामीणों में न जाने कितनी सरकारें बनी और न जाने कितने सांसद विधायकों ने हर बार आश्वासन देकर ग्रामीणों का वोट लेकर सबको छला। ग्रामीणों ने कई वर्षों से शासन और प्रशासन से सड़क की मांग को लेकर पत्र लिखें और दरवाजों के चक्कर काटे। लेकिन सफलता न मिलने से नाराज ग्रामीणों ने आज मतदान का बहिष्कार कर मतदान करने से इंकार कर दिया।

उन्होंने बताया कि हर बार की भांति इस बार भी अधिकारियों के द्वारा लिखित की जगह मौखिक आश्वासन दिया जा रहा था। जिसे गांव वाले मानने को तैयार नहीं थे। इसलिए आज ग्रामीणों ने कोई मतदान नहीं किया है। उन्होंने बताया कि उनका गांव मुख्य सड़क मार्ग से तकरीबन दस किलोमीटर की दूरी पर है। बरसात के मौसम में हर बार गांव में बाढ़ जैसे हालात हो जाते हैं। गांव में किसी के बीमार हो जाने पर ग्रामीणों को मजबूरी में बीमार व्यक्ति को चारपाई पर डालकर दस किलोमीटर तक पैदल मुख्य सड़क तक लेकर जाना पड़ता है। गांव में कभी आपात स्थिति में पुलिस भी नहीं पहुंच पाती है। गांव की लड़कियों और लड़कों से कोई भी शादी व्याह करने को तैयार नहीं है।

जिला मजिस्ट्रेट अधिकारी श्रुति सिंह ने बताया कि आज मतदान के दिन ग्रामीणों ने सड़क ना होने के कारण पोलिंग बूथ संख्या 418 ग्राम कायक्षी पर जिसमें तकरीबन 337 मतदाता है। इन मतदाताओं ने मतदान का बहिष्कार किया है। उनके और प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा सुबह से लेकर शाम 6:00 बजे तक कई बार ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया गया और मौखिक आश्वासन देकर ग्रामीणों को सड़क बनवाने का आश्वासन दिया गया। लेकिन ग्रामीण किसी भी शर्त और आश्वासन को मानने को तैयार नहीं हुए। मजबूरी में सुबह से लेकर शाम तक 0 वोट के साथ ईवीएम मशीन को बंद कर सील किया गया।

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