
लखनऊ: यूपी के मुंबईकरों का ध्यान रखने का फैसला योगी सरकार की ओर से किया गया है। मुंबई में नौकरी, व्यवसाय और कामगारों की सहूलियत और उनके हितों की रक्षा के लिए योगी का दफ्तर बनकर तैयार होगा। मुंबई में अब यूपी सरकार का यह प्रस्तावित दफ्तर होगा। इसके साथ ही यूपीवासियों के लिए राज्य में बिजनेस एनवायरमेंट और व्यवसाय प्रोत्साहन के आइडिया पर भी काम करने का फैला लिया गया है। बताया का जा रहा है कि 'यूपी का दफ्तर' असंगठित क्षेत्र के लाखों कामगारों के हितों की रक्षा के लिए कार्य करेगा।
सहायता का केंद्र बनेगा यह दफ्तर
आपको बता दें कि मुंबई में योगी का दफ्तर अप्रवासी कामगारों के लिए यूपी में रोजगार के नए अवसर पैदा करने में भी सहायक होगा। यही नहीं ये दफ्तर आपदा में यूपी के मुंबईकरों की सहायता का केंद्र भी बनेगा। ज्ञात हो कि भारत की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले मुंबई में बड़ी संख्या में यूपी और बिहार के लोग रहते हैं। यह लोग निजी क्षेत्र के साथ ही असंगठित क्षेत्र में भी काम करते हैं। ऐसे में उन लोगों की सहायता का ध्यान में रख इस दफ्तर का निर्माण कराया जा रहा है। यह दफ्तर उनकी समस्याओं के निदान में सहायता करेगा। इसी के साथ किसी भी आपदा के समय में यह उनके लिए वरदान साबित होगा।
मुंबई में बड़ी संख्या में उप्र के लोग
एक अनुमान के अनुसार मुंबई की 1 करोड़ 84 लाख जनसंख्या में लगभग 50 से 60 लाख लोग उत्तर भारतीय मूल के हैं। इसमें उत्तर प्रदेश से आने वाले लोगों की संख्या सर्वाधिक है। यह लोग लंबे समय से मुंबई में ही रह रहे हैं। इन लोगों का विशेष योगदान मुंबई के उद्योग, सेवा क्षेत्र, खुदरा व्यापार, फैक्ट्री आदि क्षेत्रों में रहता है।
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