स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि अखिलेश यादव और राहुल गांधी जैसे नेता केवल अल्पसंख्यक तुष्टिकरण के चलते सनातन धर्म के विरुद्ध ऐसी ओछी टिप्पणियां कर रहे हैं। अखिलेश यादव और उनके प्रवक्ता संतों का अपमान करने के लिए संत और सनातन सामाज से तत्काल क्षमा याचना करें। अगर अखिलेश क्षमा नहीं मांगते तो इसका परिणाम उन्हें भुगतना ही होगा।
वाराणसी : विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) से पहले उत्तर-प्रदेश की सियासत में बयानबाजी का सिलसिला जारी है। इसी बयानबाजी के चक्कर में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) संतों के निशाने पर आ गए हैं। अखिलेश के चिलमजीवी वाले बयान को लेकर अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने उन्हें अल्टीमेटम दिया है। गुरुवार को वाराणसी (Varanasi) में स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि अखिलेश यादव के इस अनर्गल बयान से देश भर के सभी संत नाराज हैं। उन्होंने संतों का अपमान किया है। या तो अखिलेश माफी मांगे या फिर दुष्परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें।
अखिलेश यादव ने क्या कहा था
बुधवार को अखिलेश यादव ने गाजीपुर टू लखनऊ विजय रथ यात्रा निकाली थी। गाजीपुर (Ghazipur) में अखिलेश यादव ने कहा कि इस जगह पर लाल, नीला, हरा और पीला रंग है। हर तरफ इंद्रधनुष का रंग दिख रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का नाम लिए बगैर उन पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि एक रंग वाले चिलमजीवी कभी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) को खुशहाली के रास्ते पर नहीं ले जा सकते।
संत समाज का अपमान पड़ेगा महंगा
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि अखिलेश यादव के बेतुके बयानों को लेकर देश भर संत समाज में आक्रोश है। अखिलेश के साथ और भी नेता जो लगातार सनातन धर्म, भगवा, संतों पर अपमानजनक टिप्पणी कर रहे हैं। उन्हें संत समाज चेतावनी देता है कि अपनी ओछी राजनीति में संतों को न घसीटें, नहीं तो सनातनियों के जन आक्रोश के रूप में दुष्परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
ओछी राजनीति से बचें अखिलेश
स्वामी जीतेंद्रानंद ने आगे कहा कि अखिलेश यादव बार-बार एक ही रंग और चिलमजीवी की बात करके क्या साबित करना चाहते हैं। सनातनधर्मियों और साधु-संतों को भगवा रंग बेहद प्रिय होता है। इसीलिए वह उसे धारण करते हैं। इसमें किसी को भला क्या आपत्ति है। संतों के लिए वह सभी प्रिय होते हैं। जो बिना किसी लागलपेट के सनातन धर्म, हिंदुत्व और भारतीय सभ्यता-संस्कृति में आस्था रखते हैं। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ एक विख्यात पीठ के पीठाधीश्वर हैं। लाखों लोगों की उस पीठ और उसके पीठाधीश्वर में आस्था है। महज राजनीति चमकाने के लिए किसी को ओछी बयानबाजी नहीं करनी चाहिए।
घर-घर जाएगा संत समाज
स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि अखिलेश यादव और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) जैसे नेता केवल अल्पसंख्यक तुष्टिकरण के चलते सनातन धर्म के विरुद्ध ऐसी ओछी टिप्पणियां कर रहे हैं। अखिलेश यादव और उनके प्रवक्ता संतों का अपमान करने के लिए संपूर्ण संत और सनातन सामाज से तत्काल क्षमा याचना करें। अगर अखिलेश यादव क्षमा नहीं मांगते तो संत समाज सक्रिय रूप से पूरे देश मे घर-घर जाकर पितृ द्रोही, सनातन द्रोही तथाकथित नेता के खिलाफ जन-समर्थन की अपील करेगा। इसका परिणाम अखिलेश यादव को भुगतना ही होगा।
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