
नोएडा। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में फिल्म सिटी (FIlm City) का सपना हकीकत में बदलने के लिए कवायद तेज हो गई है। यूपी में प्रस्तावित फिल्म सिटी के विकास के लिए बिड (film city development bid) 23 नवम्बर को खोली जाएगी। दस हजार करोड़ रुपये की प्रस्तावित इस फिल्म सिटी के लिए प्री-बिड 8 दिसंबर को होगी। यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) के सीईओ (CEO) डॉ. अरुण वीर सिंह ने बताया कि 1000 एकड़ जमीन पर फिल्म सिटी प्रस्तावित है। गौतमबुद्धनगर में करीब 1000 एकड़ भूमि पर प्रस्तावित यह फिल्म सिटी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एक सपनों की नगरी होगी।
ऐसी होगी यूपी की मायानगरी, लाखों युवाओं का सपना होगा साकार
यूपी में प्रस्तावित फिल्म सिटी किसी सपनों की नगरी से कम नहीं होगी। यहां विभिन्न प्रकार के सेट तैयार होंगे जिसमें राज्यवार गांवों के सेट भी शामिल हैं। इसमें स्टेट आफ आर्ट स्टूडियो, प्री प्रोडक्शन व पोस्ट प्रोडेक्शन सुविधाएं होंगी। स्पेशल इफेक्टस स्टूडियो बनेंगे। इसमें फिल्म विश्वविद्यालय होगा। यही पर एक हेलीपैड बनाया जाएगा। इसमें छोटे बड़े हेलीकाप्टर लैंड कर सकेंगे। फिल्म, टेलीविजन कार्यक्रम, रेडियो कार्यक्रम, विज्ञापन, ऑडियो रिकार्डिंग, फोटोग्राफी व डिजिटल आर्ट की सुविधा होगी। मेकअप रूम, स्टोर रूम भी होंगे। मंदिर, चर्च, गुरुद्वारा, बस स्टॉप, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, झरने, बाग, पुलिस स्टेशन, जेल, अदालत, चाल, अस्पताल, पेट्रोल पंप, दुकाने, शहर गांव आदि बनेंगे।
फिल्म संग्रहालय से हो सकेंगे गौरवशाली परंपरा से वाकिफ
यूपी में बन रही फिल्म सिटी में एक विश्वस्तरीय संग्रहालय भी बनाने प्रस्ताव है। इसमें भारतीय सिनेमा को विस्तृत आयाम को शोकेस किया जाएगा। दुलर्भ व विशिष्ट फिल्मों का संग्रह, प्रदर्शन होगा। साथ ही फिल्म निर्माण प्रक्रिया व प्रसिद्ध स्टूडियों को प्रदर्शित किया जाएगा।
फिल्म को करियर बनाने वालों को गढ़ेगा विवि
फिल्म सिटी में एक फिल्म विवि भी प्रस्तावित हैं। यह विवि उन हजारों युवाओं के सपनों को साकार कर सकेगा जो फिल्म की बारिकियों को सीखने के बाद अपना भविष्य गढ़ सकेंगे। इस विवि में निर्देशन, स्किप्ट राइटिंग, सिनमेटोग्राफी, एनिमेशन, साउंड रिकार्डिंग, एडटिंग व प्रोडेक्श्न डिजाइन के पाठ्यक्रम संचालित होंगे।
पर्यटकों को भी आकर्षित करेगी यूपी में सपनों की नगरी
प्रस्तावित प्रोजेक्ट में एक फन एवेन्यू भी प्रस्तावित है। यहां रिटेल, फूड कोर्ट, एम्पीथियेटर, दर्शक गैलरी, रेस्ट रूम, मल्टीलेवल पार्किंगहोटल व कंन्वेशन सेंटर बनाया जाएगा। इसके अलावा इस क्षेत्र में फाइव स्टार, थ्री स्टार व लो बजट होटल होंगे। कन्वेशन हाल व डारमेट्री भी बनेगी। क्लब हाउस बनेंगे।
780 एकड़ में बनेगा सेट, स्टूडियो
सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार ने पूर्व में यह ऐलान किया था कि वह देश की सबसे बड़ी फिल्म सिटी का निर्माण कराएगी। सरकार के इस ऐलान पर बीते दिनों कैबिनेट में पास भी कर दिया गया। इस प्रोजेक्ट को मूर्तरुप देने के लिए यूपी सरकार ने यमुना एक्सप्रेसवे के सेक्टर 21 में करीब एक हजार एकड़ जमीन भी अधिग्रहित की है। अधिकारियों ने प्रोजेक्ट के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस एक हजार एकड़ जमीन में करीब 780 एकड़ जमीन इंडस्ट्रीयल उपयोग के लिए इस्तेमाल किया जाएगा, यथा स्टूडियो बनाने, सेट तैयार करने आदि। जबकि 220 एकड़ जमीन का इस्तेमाल कमर्शियल उपयोग में किया जा सकेगा।
अधिकारियों ने इस प्रस्तावित स्थल को इसलिए भी चुनाव है ताकि भविष्य में प्रोजेक्ट के एक्सपैंशन आदि में जमीन बाधा न बने। साथ ही इस प्रोजेक्ट को अमली जामा पहनाने में किसी प्रकार की मूलभूत आवश्यकताओं की कमी न हो।
इस वजह से भी शूटिंग का बढ़ेगा आकर्षण
यूपी सरकार फिल्मकारों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न प्रकार की सब्सिडी भी मुहैया करा रही है। फिल्म सिटी बनने के बाद अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ साथ मिलने वाली सब्सिडी भी फिल्मकारों को यहां खींच कर लाएगा। प्रदेश में रीजनल भाषा (अवधी, ब्रज, बुंदेली, भोजपुरी) में फिल्म बनाने वाले को उसकी लागत का अधिकतम 50 प्रतिशत अनुदान सरकार देती है। हिंदी, अंग्रेजी और देश की अन्य भाषा में फिल्म बनाने पर लागत का अधिकतम 25 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है। इसके अलावा यदि फिल्म की आधी शूटिंग यूपी में की जाती है तो 1 करोड़ तक का अनुदान मिलेगा।
दो तिहाई शूटिंग तो 2 करोड़ रुपये तक अनुदान
दो तिहाई शूटिंग करते हैं तो 2 करोड़ रुपये तक अनुदान दिया जाएगा। यदि दूसरी फिल्म यूपी में बनाते हैं और उसकी आधी शूटिंग यहां करते हैं तो उसके लिए 1.25 करोड़ की सब्सिडी दी जाएगी। यदि दूसरी फिल्म की दो तिहाई शूटिंग करते हैं तो उसके लिए 2.25 करोड़ रुपए सब्सिडी मिलती है। तीसरी फिल्म की आधी शूटिंग पर 1.50 करोड़ और दो तिहाई शूटिंग करने पर 2.50 करोड़ की सब्सिडी मिलती है। अगर किसी फिल्म के पांच मुख्य कलाकार यूपी के है तो सरकार उनको पारिश्रमिक के रूप में दिए जाने वाली धनराशि या फिर 25 लाख रुपए की सब्सिडी भी देती है।
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