उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा आगाज किए गए अभियान पर जोर देते हुए प्रमुख सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को उनके जिले में गोद लिए गए विद्यालयों की रिपोर्ट भी शासन में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दूसरे कार्यकाल में चार अप्रैल को श्रावस्ती जिले से स्कूल चलो अभियान की शुरुआत की थी जिससे कम साक्षरता वाले गांवों में ज्यादा से ज्यादा फोकस किया जा सके। साथ ही विद्यालयों को गोद लेकर स्कूलों का कायाकल्प किया जाए। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को उनके जिले में गोद लिए गए विद्यालयों की रिपोर्ट भी शासन में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
एक लाख विद्यालयों में चल रहा कायाकल्प
प्रदेश में करीब 1.58 लाख परिषदीय विद्यालय हैं। एक लाख विद्यालयों में कायाकल्प के लिए काम चल रहा है। साथ ही गोद लिए गए विद्यालयों की संकलिय सूची प्रत्येक 15 दिन में मुख्य सचिव को प्रस्तुत करनी होगी। ऑपरेशन कायाकल्प के तहत प्रदेश के सभी मंडलायुक्त, जिलाधिकारी और राजपत्रित अधिकारी कम से कम एक परिषदीय स्कूल को गोद लेंगे। प्राथमिक विद्यालयों में पठन-पाठन के लिए आवश्यक मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराएंगे।
ऑपरेशन कायाकल्प के तहत विद्यालयों में कक्षा कक्ष, पेयजल, फर्नीचर, पुस्तकालय, शौचालय, पार्क, झूले इत्यादि की व्यवस्था कराने के साथ स्कूलों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। बेसिक शिक्षा प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने सभी मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों को स्कूल गोद लेने का आदेश जारी किया है।
श्रावस्ती में योगी आदित्यनाथ ने किया था आह्वान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अप्रैल की चार तारीख को श्रावस्ती में स्कूल चलो अभियान का आगाज करते हुए सांसदों, विधायकों, राज्य सरकार के मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों से परिषदीय विद्यालयों को गोद लेने का आह्वान किया था। सीएम योगी के इस आदेश को देखते हुए प्रमुख सचिव ने सभी जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को विद्यालय गोद लेने के साथ उनके अधीनस्थ राजपत्रित अधिकारियों को भी विद्यालय गोद लेने के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए है।
सभी सुविधाएं उपलब्ध कराकर बनाए आकर्षित
गोद लिए गए विद्यालयों में विभिन्न सुविधाएं मुहैया कराकर उन्हें आकर्षित बनाया जाएगा। प्रमुख सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को उनके जिले में गोद लिए गए विद्यालयों की रिपोर्ट भी शासन में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। राज्य में करीब 1.58 लाख परिषदीय विद्यालय हैं जिनमें एक लाख में कायाकल्प का काम चल रहा है। जिलाधिकारी तथा तहसील व विकास खण्ड स्तर पर गोद लिए गए विद्यालयों की सूचना जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से प्राप्त कर शासन को भी उपलब्ध कराए।
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