मीरगंज क्षेत्र में सिधौली कस्बा निवासी बुद्धि राम रविवार को रामगंगा नदी में मछली पकड़ने गए थे। वह मछली पकड़ रहे थे तभी अचानक एक मगरमच्छ आग गया और उनके पैर को पकड़ लिया। मगरमच्छ के मुंह में पैर चले जाने से बुद्धिराम बुरी तरह चीख उठे लेकिन, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।
बरेली: मीरगंज क्षेत्र में बुद्धिराम और मगरमच्छ के बीच जबरदस्त भिड़ंत देखने को मिली है। बुद्धिराम ने अदम्य साहस का एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। उसने न सिर्फ मगरमच्छ का बहादुरी से मुकाबला किया बल्कि खुद को उसके चंगुल से भी मुक्त करा लिया।
मछुआरे के साहस की हुई प्रशंसा
हालांकि, इस संघर्ष में मछुआरा काफी घायल हो गया। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अगर मगरमच्छ मछुआरे को नदी में खींचने में कामयाब हो जाता तो शायद उनका बचना मुश्किल था। जिसे भी मगरमच्छ के साथ हुए इस संघर्ष की बात पता चली उसने मछुआरे के साहस की प्रशंसा की।
मछुआरे और मगरमच्छ में ऐसे हुई भिड़ंत
मीरगंज क्षेत्र में सिधौली कस्बा निवासी बुद्धि राम रविवार को रामगंगा नदी में मछली पकड़ने गए थे। वह मछली पकड़ रहे थे तभी अचानक एक मगरमच्छ आग गया और उनके पैर को पकड़ लिया। मगरमच्छ के मुंह में पैर चले जाने से बुद्धिराम बुरी तरह चीख उठे लेकिन, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।
डंडे से मगरमच्छ पर किया हमला
उन्होंने मछली पकड़ने वाले डंडे से ही मगरमच्छ से मुकाबला करना शुरू कर दिया। इस दौरान बुद्धिराम ने गजब का साहस दिखाया और हिम्मत के साथ डंडे से मगरमच्छ पर प्रहार करते रहे। कुछ देर के संघर्ष के बाद बुद्धिराम ने आखिरकार मगरमच्छ के चंगुल से खुद को आजाद करा लिया।
मछुआरा बुरी तरह घायल
हालांकि, मगरमच्छ के दांत लगने से उनका पैर बुरी तरह जख्मी हो गया और वह लहूलुहान हो गया। शोर शराबा सुनकर आसपास के मछुआरे भी वहां आ गए और घायल बुद्धिराम को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया। जिसे भी घटना के बारे में पता चला उसने बुद्धिराम के साहस की प्रशंसा की।
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