सार

रविवार को कोर्ट बंद होने के बाद पुलिस ने चारों आरोपियों को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश करके पुलिस ने अदालत से 14 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोर्ट कानपुर हिंसा के सभी आरोपियों की रिमांड लेने के लिए कोर्ट से अपील करेगी।

कानपुर: बीते तीन जून को कानपुर में हुए बवाल के आरोपियों को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। हालांकि अभी पुलिस रिमांड नहीं मिली है। पुलिस ने सभी चारों आरोपियों की रिमांड लेने के लिए कोर्ट से अपील करेगी। 

पुलिस रिमांड के कोर्ट से करेगी आपील
रविवार को कोर्ट बंद होने के बाद पुलिस ने चारों आरोपियों को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश करके पुलिस ने अदालत से 14 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोर्ट कानपुर हिंसा के सभी आरोपियों की रिमांड लेने के लिए कोर्ट से अपील करेगी। 

एसआईटी टीम का हुआ गठन
कानपुर के पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने रविवार को बताया कि आरोपियों के नेटवर्क को नष्ट करने और उनके मोबाइल की जांच के लिए एक विशेष जांच दल एसआईटी का गठन किया गया है, इसके अलावा एक और टीम का गठन किया गया है। इन टीमों का गठन इस मामले में जांच की प्रगति तय करेगा।

चार संस्थाओं के संदिग्ध दस्तावेज हुए बरामद 
मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि हयात जफर हाशमी के पास से संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए हैं। जिन चार संस्थाओं के दस्तावेज मिले हैं उशमें एआईआईसी, आरआईएफ, एसडीपीआई, सीएफआई शामिल हैं। यह सभी दस्तावेज फंडिंग से संबंधित हैं। यह जानकारी है कि किस तरह से फंडिग होती थी और उसको किस तरह से बांटना है। पीएफआई का नाम सीएए के दौरान भी सामने आया था। उस दौरान भी संगठन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई थी। आपको बता दें कि यह संगठन मणिपुर, त्रिपुरा, बंगाल में सक्रिय है। कई जांच एजेंसियों की तफ्तीश में यह सामने आ चुका है कि पीएफआई इन चारों संस्थाओं को फंडिंग करती है। 

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