
कानपुर: मनीष गुप्ता हत्याकांड (Manish Gupta murder case) के मामले में सीबीआई ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। सीबीआई (CBI) ने मनीष के गुरुग्राम के दोनों दोस्त हरबीर सिंह और प्रदीप सिंह से लखनऊ में पूछताछ के लिए बुलाया है। दोनों दोस्तों को सीबीआई के लखनऊ ऑफिस पर इसी सप्ताह बुलाया गया है। हरबीर और प्रदीप घटना के बाद से ही एसआईटी की जांच से भागते रहे हैं।
होटल के कमरे में हुई थी मनीष की मोत
कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की 27 सितंबर की रात गोरखपुर के होटल में पिटाई की गई थी जिसमें उनकी मौत हो गई। इस मामले में मृतक के पत्नी की तहरीर पर तत्कालीन रामगढ़ताल थानेदार समेत 6 पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज किया गया था। पत्नी का आरोप है कि रात में पुलिस ने तलाशी के नाम पर उसके पति मनीष से बदसलूकी की. विरोध करने पर मनीष को बेरहमी से पीटा। इसमें उनकी मौके पर ही मौत हो गई। गोरखपुर पुलिस ने पहले पिटाई से मौत को खारिज किया, लेकिन जब मीनाक्षी गुप्ता ने इस पर विरोध दर्ज किया। शासन ने इस पर कार्रवाई की फिर पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में पत्नी लगातार CBI जांच की मांग कर रही थी. बताया जा रहा है कि घटना से पहले सभी दोस्तों ने मनीष के साथ भोजन किया था। सीबीआई टीम दोबारा गोरखपुर जा सकती है।
CBI की पूछताछ जारी
सीबीआई की नजर रामगढ़ताल थाने में उस वक्त तैनात रहे 11 पुलिसकर्मियों के साथ ही इस केस से जुड़े 11 उन लोगों पर भी सीबीआई की नजर है, जिन्हें एसआईटी ने गवाह बनाया था। इन लोगों की पहले की और बाद की गतिविधियों पर भी सीबीआई पड़ताल कर रही है। इनमें से अभी कुछ लोगों से ही सीबीआई ने पूछताछ की है। अन्य से दूसरे राउंड में पूछताछ की तैयारी है। उल्लेखनीय है कि मामले के तूल पकड़ने के बाद राज्य सरकार ने मनीष गुप्ता की पत्नी को सरकारी नौकरी के साथ ही आर्थिक सहायता भी दी थी। साथ ही केंद्र सरकार से सीबीआई जांच की अनुशंसा भी की थी। जिसके बाद सीबीआई ने मामले में जांच कर रही है।
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