ज्ञानवापी मामला: अखिलेश यादव और ओवैसी के खिलाफ मुकदमे की मांग पर पांच जुलाई को होगी सुनवाई

अदालत ने कहा कि सुनवाई सक्षम न्यायालय ही कर सकती है। एसीजेएम प्रथम की अदालत में सोमवार को आवेदन देकर वादी हरिशंकर पांडेय की तरफ से कहा गया कि अपर पुलिस आयुक्त अपराध से 17 मई को आदि स्वयंभू विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग के खिलाफ टिप्पणी और धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने पर विपक्षियों के खिलाफ कार्यवाही का अनुरोध किया गया था।

Asianet News Hindi | Published : Jun 28, 2022 11:24 AM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी मामले में एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव समेत दो हजार लोगों पर मुकदमा दर्ज करने के आवेदन पर अब पांच जुलाई को अदालत में सुनवाई होगी। बता दें कि इन लोगों पर शिवलिंग के पास वजू करने और धार्मिक भावना भड़काने का आरोप है

'सक्षम न्यायालय ही कर सकती है सुनवाई'
मामले में आरोपी सांसद व विधायक हैं और एमपी एमएलए कोर्ट में अवकाश है और एसीजेएम पंचम की अदालत को विशेष एमपी एमएलए कोर्ट बनाया गया है। ऐसे में अदालत ने कहा कि सुनवाई सक्षम न्यायालय ही कर सकती है। एसीजेएम प्रथम की अदालत में सोमवार को आवेदन देकर वादी हरिशंकर पांडेय की तरफ से कहा गया कि अपर पुलिस आयुक्त अपराध से 17 मई को आदि स्वयंभू विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग के खिलाफ टिप्पणी और धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने पर विपक्षियों के खिलाफ कार्यवाही का अनुरोध किया गया था।

एडीसीपी काशी कर रहे जांच
इसकी जांच और अग्रिम कार्यवाही के लिए एडीसीपी काशी को जिम्मेदारी दी गई थी। इस पर जांच अधिकारी अनिल कुमार गिरि ने एक दो दिन में बुलाने की बात कही थी। कोर्ट से इन परिस्थितियों में इस जांच के बाबत और 18 मई 2022 को दिए गए 156-3 के आवेदन पर थाना चौक से आख्या तलब किए जाने का भी अनुरोध किया गया। अदालत ने अधिवक्ताओं अजय प्रताप सिंह, ब्रजेश दूबे की दलीलें सुनने के बाद मामले की सुनवाई पांच जुलाई को करने की तिथि नियत की है। 

मुकदमा दर्ज करने की मांग
आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ज्ञानवापी प्रकरण पर आपत्तिजनक बयान देकर ङ्क्षहदुओं की भावनाओं पर कुठाराघात किया है। 

अधिवक्ता ने ज्ञानवापी मस्जिद की अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल वाकी, मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, संयुक्त सचिव सैय्यद मोहम्मद यासीन को भी विपक्ष के तौर पर प्रार्थना पत्र में शामिल किया है। उन्होंने कमीशन कार्यवाही के दौरान विरोध, बाधा पहुंचाने और वजूखाने में गंदगी फैलाने के आरोप में सभी आरोपितों पर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है।
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