1984 सिख दंगे के आरोपियों की धरपकड़ जारी, दो और लोगों को किया गिरफ्तार

सोमवार रात मोबीन खुद एसआईटी कार्यालय पहुंच गया था। निराला नगर में भूपेंद्र और रक्षपाल को अग्निकुंड में फेंक दिया गया था। गुरुदयाल के बेटे सतवीर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। एसआईटी ने 31 आरोपितों को चिह्नित किया था। चार को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Jun 22, 2022 8:25 AM IST / Updated: Jun 22 2022, 02:06 PM IST

कानपुर: बीते मंगलवार को 1984 सिख दंगे के आरोपित हिस्ट्रीशीटर समेत दो और लोगों को एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया। इनमें से एक ने खुद एसआईटी दफ्तर पहुंचकर सरेंडर किया। दूसरे को घाटमपुर जाकर धर-दबोचा।सीएमएम कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। 

अब तक पकड़े गए आरोपितों की संख्या छह पहुंच गई है। एसआईटी के डीआईजी बालेंदु भूषण ने बताया कि तकिया जवाहर घाटमपुर निवासी मोबीन शाह (60) और रामसारी घाटमपुर निवासी अमर सिंह उर्फ भूरा (61) को धरा गया है। दोनों 1 नवम्बर 1984 को निराला नगर में तीन सिखों की हत्या में शामिल थे।

चार को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा गया
सोमवार रात मोबीन खुद एसआईटी कार्यालय पहुंच गया था। निराला नगर में भूपेंद्र और रक्षपाल को अग्निकुंड में फेंक दिया गया था। गुरुदयाल के बेटे सतवीर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। एसआईटी ने 31 आरोपितों को चिह्नित किया था। चार को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। 

इन आरोपितों में शिवपुरी निवासी सैफुल्लाह, जलाला घाटमपुर निवासी योगेन्द्र सिंह उर्फ बब्बन बाबा, विजय नारायण सिंह उर्फ बच्चन सिंह और अब्दुल रहमान उर्फ लम्बू शामिल थे। डीआईजी के मुताबिक छापेमारी का अभियान चलता रहेगा। इस मामले में और गिरफ्तारियां होंगी।

127 लोगों की कर दी गई थी हत्या
दरअसल प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में सिख विरोधी विरोधी दंगों में कानपुर में 127 लोगों की हत्या कर दी गई थी। वहीं कई लोगों के घरों में जमकर लूटपाट की गई और जला दिया गया था। उस समय कई एफआईआर दर्ज हुई लेकिन किसी भी आरोपी को पकड़ा नहीं गया था। 

दंगों की जांच के लिए एसआईटी का गठन
जिसके बाद से सिख समुदाय लगातार इंसाफ के लिए गुहार लगाता रहा। कई सरकारें आईं, कई आयोग बने, कई एसआईटी गठित हुई लेकिन किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी संभव नहीं हो सकी। 2019 में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक बार फिर दंगों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया। 

सीएम योगी के द्वारा सिख दंगों की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी ने जांच की तो 11 ऐसे मामले पाए गए, जिसमें पर्याप्त साक्ष्य मौजूद थे और गवाह भी मिले। इसके बाद 96 आरोपियों के नाम सामने निकलकर आए हैं। 

जिनमें से 22 की मौत हो चुकी है जबकि 74 की गिरफ्तारी की जानी थी। इन 74 लोगों में 6 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. जल्द ही बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी. इन दंगाइयों की गिरफ्तारी घाटमपुर से की गई है। 

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