
कानपुर: हिंसा का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। उपद्रव के पीछे के सही करणों को सही करणों को तलाशने के लिए एसआईटी को जांच सौंपी गई थी। एसआईटी ने अपनी जांच शुरू कर दी है। एसआईटी के अध्यक्ष डीसीपी दक्षिण संजीव कुमार त्यागी ने सोमवार को पैदल उपद्रव प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया है। बता दें कि नई सड़क और दादा मियां का हाता मैं बीते शुक्रवार को उपद्रव देखने को मिला था।
अधिकारियों से 1-1 मिनट का लिया जायजा
रविवार को पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीना ने उपद्रव की जांच के लिए चार एसआईटी का गठन किया था जिसमें मुख्य एसआईटी डीसीपी दक्षिण संजीव त्यागी के नेतृत्व में बनाई गई है जो कि बेकन गंज थाने में उपद्रव से संबंधित दर्ज तीनों मुकदमों की जांच करेगी।
संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी वाह शासन द्वारा भेजे गए आईपीएस अजय पाल शर्मा के साथ एसआईटी की टीम बेकन गंज थाने पर पहुंची यहां पर अधिकारियों ने एसआईटी के अधिकारियों व सदस्यों के साथ बैठक की। इसके बाद डीसीपी दक्षिण संजीव त्यागी मौका ए वारदात का निरीक्षण करने निकले।
ड्रोन से रखी जा रही इमारतों पर नजर
इसके साथ ही पुलिस ड्रोन की मदद से सभी गतिविधियों पर नजर रख रही है। ड्रोन को उड़ाकर ऊंची इमारतों में चल रही गतिविधियों का जायजा लिया गया। कुछ-कुछ देर पर करीब एक घंटे तक लगातार ड्रोन उड़ाकर चमनगंज पर नजर रखी जा रही है। सोमवार को सुबह से ही पुलिस ने गश्त तेज कर दी है।
भारी फोर्स की मौजूदगी और रूट मार्च से उपद्रव ग्रस्त क्षेत्रों के लोग घरों में दुबके रहे। बहुत ही कम लोगों का घर से निकलना हुआ। रविवार को अधिकतर स्थानों पर सन्नाटा ही नजर आया। यतीमखाना सबसे संवेदनशील होने के चलते यहां आरएएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) तैनात की गई है।
12 कंपनी पीएसी तैनात
यतीमखाना गेट के साथ ही चारों ओर से आरएएफ की घेराबंदी है। दंगा नियंत्रण वाहनों को भी यतीमखाने के बाहर ही खड़ा किया गया है। शासन ने 12 कंपनी पीएसी के साथ तीन कंपनी अर्द्ध सैनिक बलों की दी है।
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