आयोध्या और काशी के बाद नैमिष धाम का होगा पुनर्विकास, हेलिकॉप्टर समेत योगी सरकार शुरू करेगी कई सेवाएं

लखनऊ से लगभग 80 किमी दूर, यह प्रसिद्ध स्थान यूपी के सीतापुर जिले में स्थित है और इसे कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर द्वारा तैयार मास्टर प्लान के अनुरूप नया रूप दिया जाएगा। इस पुनर्विकास परियोजना के पूरा होने के बाद, नैमिषारण्य धाम लखनऊ आने वाले टूरिस्ट को एक नई घूमने की जगह देगा। 

लखनऊ: राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिश में, यूपी सरकार नैमिषारण्य धाम के पुनर्विकास के लिए पूरी तरह तैयार है। लखनऊ से लगभग 80 किमी दूर, यह प्रसिद्ध स्थान यूपी के सीतापुर जिले में स्थित है और इसे कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर द्वारा तैयार मास्टर प्लान के अनुरूप नया रूप दिया जाएगा। इस पुनर्विकास परियोजना के पूरा होने के बाद, नैमिषारण्य धाम लखनऊ आने वाले टूरिस्ट को एक नई घूमने की जगह देगा। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बाद इसे पुनर्विकसित किया जाएगा। इसे काशी, मथुरा और अयोध्या की तरह संवारा जाएगा। खास बात यह है कि नैमिषारण्य धाम जाने के लिए लखनऊ से  हेलिकॉप्टर सेवा की शुरुआत की जाएगी। 

इन जगाहों का होगा विकास 
इस विकास परियोजना के दायरे में, नदी के किनारे की स्थापना, गंगा घाट का विस्तार और सड़क संपर्क में सुधार सहित पूरे क्षेत्र का विकास शामिल है। इसमें 5 कोसी यात्रा मार्ग, 14 कोसी यात्रा मार्ग और 84 कोसी यात्रा मार्ग का विकास शामिल है। इसके अलावा, जल्द ही धाम में एक नया ध्यान केंद्र भी स्थापित किया जाएगा। विकास के लिए चार चरणों में कार्य योजना बनाई गई है।

पहले औऱ दूसरे फेज में होगा पुनर्विकास 
इसके अनुसार प्रमुख परियोजनाओं में पहले फेज में चक्र तीर्थ, मां ललिता देवी मंदिर, दधिचि कुंड और सीता कुंड का विकास किया जाएगा। दूसरे फेज में दधिचि कुंड, रुद्रावर्त महादेव, देवदेश्वर मंदिर और काशी कुंड का विकास किया जाएगा। इसके अलावा शहरी और क्षेत्रीय विकास के लिए अलग से कार्य योजना तैयार की गई है।

लखनऊ से शुरू की जाएगी हेलिकॉप्टर सेवा
नैमिषारण्य तीर्थ तक पहुंचने के लिए जल्द लखनऊ से सीतापुर तक इलेक्ट्रिक बस और हेलिकॉप्टर सेवा भी शुरू की जाएगी। हर साल, 1.5 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री इस पवित्र मंदिर में आते हैं। इनके लिए उचित आवास व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए, प्रशासन ने अन्य राज्यों की सरकारों को धाम के पास मठ या गेस्ट हाउस बनाने की अनुमति दी है। मास्टर प्लान के अनुसार, इस धाम को अपने पारंपरिक स्वरूप को बनाए रखने के लिए बलुआ पत्थर और पीले पत्थरों से सजाया जाएगा। भविष्य में पर्यटकों की संख्या में संभावित वृद्धि को ध्यान में रखते हुए यह मास्टर प्लान अगले 50 वर्षों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।

मथुरा: श्री कृष्ण जन्म भूमि की 13.37 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण का मामला, सुनवाई 18 जुलाई तक टली

Share this article
click me!

Latest Videos

वर्ल्ड एथलेटिक्स चीफ Sebastian Coe का Exclusive Interview, भारत से है खास रिश्ता
Maharashtra Accident: गोंदिया में भीषण सड़क हादसे की असल वजह आई सामने, क्या है 10 मौतों का कारण
Lawrence Bishnoi गैंग को लेकर Arvind Kejriwal ने केंद्रीय गृहमंत्री Amit Shah से पूछा सबसे बड़ा सवाल
कैसे दो एथलीटों ने बदल दिया सेबेस्टियन कोए का जीवन? क्या 2036 में भारत करेगा ओलंपिक की मेजबानी
Exclusive: कैसे भारत से है वर्ल्ड एथलेटिक्स प्रमुख सेबेस्टियन कोए का खास रिश्ता