
लखनऊ: बीते कुछ दिनों से देखने को मिल रहा है कि कोरोना के मामलों में लगाता इजाफा हो रहा है। ऐसे में अब अफसरों ने भी इसको गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है। इसी सिलसिले में बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए अफसरों को सावधान किया है। उन्होंने कहा कि यह समय सतर्क रहने का है। बुधवार को हुई बैठक में उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि विगत एक सप्ताह से कोविड के नए केस में बढ़ोतरी देखी जा रही है। हालांकि उत्तर प्रदेश में पॉजिटिविटी दर न्यूनतम है। वर्तमान में कुल एक्टिव केस की संख्या 3257 है। विगत 24 घंटों में 91 हजार से अधिक टेस्ट किए गए और 682 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 352 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए। 3082 लोग घर पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। यह समय सतर्क और सावधान रहने का है।
'बदलती परिस्थितियों पर सूक्ष्मता से नजर रखी जाए'
कोविड की बदलती परिस्थितियों पर सूक्ष्मता से नजर रखी जाए। सभी अस्पतालों में चिकित्सकीय उपकरणों की क्रियाशीलता, डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ की समुचित उपलब्धता की गहनता से परख कर ली जाए। आवश्यक दवाओं के साथ मेडिसिन किट तैयार करा लिए जाएं। सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क लगाए जाने के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से आमजन को जागरूक किया जाए।
इतने लोगों का हुआ कोविड टीकाकरण
प्रदेश में कोविड टीकाकरण अभियान की प्रगति संतोषप्रद है। 33 करोड़ 73 लाख से अधिक कोविड टीकाकरण के साथ ही 18 वर्ष से अधिक आयु की पूरी आबादी को टीके की कम से कम एक डोज लग चुकी है, जबकि 96 प्रतिशत से अधिक वयस्क लोगों को दोनों खुराक मिल चुकी हैं। 15-17 आयु वर्ग के 99.27 प्रतिशत किशोरों और 12 से 14 आयु वर्ग के 94.55 प्रतिशत से अधिक बच्चों को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को बूस्टर डोज दिए जाने में तेजी की अपेक्षा है। बच्चों को दूसरी डोज समय से दी जाए।
संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए 01 जुलाई से प्रदेशव्यापी अभियान शुरू हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता, फॉगिंग सैनिटाइजेशन के संबंध में जागरूकता बढ़ाये जाने की जरूरत है। अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी जरूरी तैयारियां कर ली जाएं। जनप्रतिनिधि गणों का भी सहयोग लिया जाना चाहिए।
जिलों की क्षमता का लाभ उठाने के लिए नियोजित प्रयास जरूरी
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश के हर जिले में पोटेंशियल है। इस क्षमता का लाभ उठाने के लिए नियोजित प्रयास आवश्यक है। अपनी आय वृद्धि की नियमित समीक्षा करते हुए प्रत्येक जनपद/नगरीय निकाय अपनी जीडीपी को बढ़ाने की कार्ययोजना तैयार करें। नगरीय निकायों को वित्तीय आत्मनिर्भरता के लिए ठोस प्रयास करना होगा।
प्रदेश के बदले औद्योगिक माहौल को देखते हुए बड़ी संख्या में देश-दुनिया के उद्यमी उत्तर प्रदेश में निवेश कर रहे हैं। उद्योग जगत की जरूरतों के मुताबिक नई औद्योगिक नीति, नई इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल नीति और बेहतर वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक नीति तैयार की जाए। आवश्यकतानुसार संशोधित व नवीन नीतियों को तैयार करते समय उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से भी परामर्श करना चाहिए।
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के उपरांत प्रदेश को अतिशीघ्र बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उपहार मिलने जा रहा है। यह एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड में 'विकास की लाइफलाइन'के रूप में प्रतिष्ठित होगी। इस एक्सप्रेस-वे के अवशेष कार्यों को अगले 10 दिनों में पूर्ण करा लिया जाए। गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य भी जल्द शुरू करा दिया जाए।
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