ICSE बोर्ड 10वीं रिजल्ट: अलग है लखनऊ की टॉपर कनिष्का मित्तल की सफलता का राज, भविष्य को लेकर बताया अपना प्लान

आईसीएसई 10वीं परिणाम 2022 के लिए पास प्रतिशत 99.97% दर्ज किया गया है। इस साल ICSE बोर्ड 10वीं की परीक्षा में लड़कियों का रिजल्ट बेहतर रहा है। लड़कियों का पास प्रतिशत लड़कों की तुलना में अधिक है।

Asianet News Hindi | Published : Jul 18, 2022 7:23 AM IST

लखनऊ: बीते रविवार को आईसीएससी बोर्ड के नतीजे घोषित हो गए। इसको लेकर बच्चों के चेहरे पर उत्साह देखने को मिला। टॉप-3 पोजिशन में 110 छात्र- छात्राओं ने जगह बनाई है। पहली पोजीशन पर देश भर से 4 बच्चे हैं। इन चारों बच्चों के 500 में 499 नंबर हैं। लखनऊ की बेटी ने टॉप रैंक हासिल कर देशभर में नाम रोशन किया। सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, कानपुर रोड ब्रांच की स्टूडेंट कनिष्का मित्तल की कामयाबी से एक बार रिजल्ट में बेटियों का रुतबा कायम है।

लड़कियों ने मारी बाजी
ICSE बोर्ड 10वीं की परीक्षा में इस साल 4 स्टूडेंट्स टॉप किए हैं। इन सभी छात्रों ने 499 अकं यानी 99.80 फीसदी अंक प्राप्त हुए हैं। आईसीएसई 10वीं परिणाम 2022 के लिए पास प्रतिशत 99.97% दर्ज किया गया है। इस साल ICSE बोर्ड 10वीं की परीक्षा में लड़कियों का रिजल्ट बेहतर रहा है। लड़कियों का पास प्रतिशत लड़कों की तुलना में अधिक है। इस साल 99.98 फीसदी लड़कियां पास हुईं। वहीं, 99.97 फीसदी लड़के भी पास हुए हैं। 

अभी कोई गोल नहीं किया डिसाइड
कनिष्का मित्तल  ने बताया कि किसी एक को यह क्रेडिट देना थोड़ी नाइंसाफी हो जाएगी। टीचर्स ने एकेडमिक में गाइडेंस दिया, तो पेरेंट्स और बहन ने मोटिवेशनल सपोर्ट दिया। बहुत खुशी है। सभी को बहुत सारा ग्रिटीट्यूड (आभार), भगवान, पेरेंट्स, टीचर्स उन सभी को जिन्होंने मुझे सपोर्ट किया। मैंने अपना फाइनल गोल अभी नहीं डिसाइड किया है। अभी 2 साल क्लैट की तैयारी करुंगी। उसके बाद ही आगे का कुछ फाइनल करुंगी।

प्लानिंग, लगातार मेहनत और सही गाइडेंस जरूरी
मेरे हिसाब से दुनिया इतनी चेंज हो रही, अभी कोई गोल डिसाइड करना थोड़ा जल्दबाजी होगी। मैं खुद को लिमिट नहीं कर रही हूं। मैं नए क्षेत्रों के अवसरों को भी देख रही हूं। फिलहाल अभी अपने चॉइस के सब्जेक्ट डिसाइड किए हैं, चॉइस की स्ट्रीम चूज की है। आगे भविष्य में देखेंगे। मेरे हिसाब से फर्स्ट आना स्टूडेंट्स का कॉल नहीं होना चाहिए। मेरे ख्याल से सभी स्टूडेंट को अपना बेस्ट देना चाहिए। खुद से एक्सेल करना चाहिए। हार्ड वर्क और डिजायर होनी चाहिए। प्लानिंग, लगातार मेहनत और सही गाइडेंस से बेहतरीन रिजल्ट आते हैं। 

बेटी ने जो करना चाहा उसको पूरा सपोर्ट किया
मेरा काम सिर्फ उसको मोटिवेट कर सही रास्ता दिखाना है। बाकी उसने खूब मेहनत की है और तभी ऐसा रिजल्ट आया है। उसने जो करना चाहा उसको पूरा सपोर्ट किया है। वहीं पिता ने कहा कि सपोर्ट के तौर पर बेटी को मेरा आशीर्वाद रहा। माता-पिता बच्चे को सिर्फ आशीर्वाद दे सकते हैं। बच्चे जो भी करें वो कम है। बच्चे की उपलब्धि पर बहुत प्राउड फील हो रहा है।

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