बादलों से विनती करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा तो टोटकों की अजमाइश गांवों में शुरू हो गई है। गांव के लड़के या फिर डेरा लगाने वाले लोग जमीन पर लोट कर काले मेघा पानी दे, पानी दे गुरधानी दे।
लखनऊ: यूपी में बारिश को लेकर इस बार हाहाकार मचा हुआ है। किसान अपनी फसल खराब होने के डर से परेशान हैं वहीं आम आदमी गर्मी से परेशान। बारिश के मौसम मे बारिश न होना बड़ा समस्या खड़ा कर रहा है। बरिश ना होने की वजह से यूपी मे सूखा पड़ने के भी पूरे आसार दिख रहे हैं। ऐसे में अब इद्रदेव को खुश करने के लिए टोटके करना लोगों ने शुरू कर दिए हैं। यह टोटके गांव की पुरानी परंपरा से जुड़े हुए हैं। फिलहाल इन दिनों गोसाईगंज क्षेत्र में सूखे की स्थिति को देखते हुए मेघों से पानी मांगने का टोटका शुरू हो गया है। इन्हीं टोटकों में रात के समय महिलाओं का खेत में हल चलाना भी शामिल है।
पानी ना बरसने से खेतों में सूख रही फसल
आषाढ़ का महीने बीत जाने के बाद भी जब पानी की बूंद आसमान से जमीन पर नहीं गिरती तब इन्हीं टोटकों का दौर शुरू हो जाता है। पानी के लिए किए जाने वाले टोटके में जमीन पर लोट कर मेघों से पानी मांगा जाता है। इसके बाद भी पानी न बरसने पर महिलाएं खेतों में हल चलाती हैं। अब जब आषाढ़ का महीना बीत चुका है और सावन का महीना लग चुका है ऐसे में बरसात न होने से किसान परेशान हो उठे हैं। खेतों में रोपाई के लिए लगी धान की पौध सूखने लगी है। पानी न होने से बिना रोपाई के खेत खाली पड़े हुए हैं। जिन किसानों ने किसी तरह से धान की रोपाई कर भी दिया है उनकी फसल सूखने से खेतों में दरारें पड़ने लगी हैं।
लोग जमीन पर लोट कर पनी के लिए लगा रहे गुहार
बादलों से विनती करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा तो टोटकों की अजमाइश गांवों में शुरू हो गई है। गांव के लड़के या फिर डेरा लगाने वाले लोग जमीन पर लोट कर काले मेघा पानी दे, पानी दे गुरधानी दे। गगरी छूंछी बैल पियासे अरे गोसैंया पानी दे जैसे कई गीत गाकर इंद्रदेव से पानी बरसाने के लिए विनती कर रहे हैं। इन लोटने वाले लोगों पर गृहणियां बाल्टी से पानी डालती हैं। इनको घरों से आटा भी दिया जाता है। जिसकी वह बाटी बना कर खाते हैं।
टोटकों के चलते महिलाओं ने खेत में चलाया हल
बुजुर्गों का कहना है कि किसान खेतों में किलो भर बीज बोने के बाद कुंटलों में अनाज पाता है। कहा जाता है कि लोटने वालों पर एक बाल्टी पानी देने डालने पर हजारों बाल्टी पानी मिलता है। बाटी व गुड़ खाने के पीछे तर्क दिया जाता है कि इंद्रदेव को दिखाया जाता है कि तुम्हारी कृपा हो गई तो हम लोगों को गुण रोटी खाने को मिल जाएगा अर्थात घरों में आनाज आ सकेगा।
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