UP News: मुख्तार अंसारी की पेशी के दौरान नहीं हाजिर हुए पुलिसकर्मी, MP-MLA कोर्ट ने जारी किया गैरजमानती वारंट

32 साल पुराने मामले में शनिवार को मुख्तार अंसारी एमपी एमएलए कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। उसी मामले में वादी तत्कालीन इंस्पेक्टर शिवशंकर शुक्ला और तत्कालीन चौकी प्रभारी रूपेंद्र गौड़ को गवाही के लिए हाजिर होने को लेकर समन भी जारी किया गया था, लेकिन कोर्ट में पेश न होने के चलते विशेष न्यायाधीश ने दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ गैंरजमानती वारंट जारी किया गया है। 

Pankaj Kumar | Published : Nov 21, 2021 11:37 AM IST

आगरा: उत्तर प्रदेश(Uttar pradesh) के आगरा जिले में मुख्तार अंसारी(Mukhtar Ansari) के खिलाफ दर्ज हुए 32 साल पुराने मामले में गवाह न पेश करने के चलते शनिवार को एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) ने सख्ती का रुख अपनाया है। कोर्ट के विशेष न्यायाधीश नीरज गौतम ने तत्कालीन इंस्पेक्टर(Inspector)  वादी शिवशंकर शुक्ला और तत्कालीन चौकी प्रभारी रूपेंद्र गौड़ के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया है। 

शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग(Video conferencing)  के जरिए अदालत में पेश हुए थे मुख्तार अंसारी

आपको बताते चले कि शनिवार को आगरा के थाना जगदीशपुरा(Jagdishpura thana) में दर्ज 32 वर्ष पुराने मुकदमे में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश हुए थे। इसी मुकदमे के वादी तत्कालीन इंस्पेक्टर शिवशंकर शुक्ला और तत्कालीन चौकी प्रभारी रूपेंद्र गौड़ को गवाही के लिए हाजिर होने को लेकर समन भी जारी किया गया था। ऐसे में शनिवार को दोनों गवाह अदालत में हाजिर नहीं हुए। जिसके बाद अदालत ने आदेश में कहा कि गवाह शिव शंकर शुक्ला पर समन व्यक्तिगत रूप से तामील हुआ और रूपेंद्र गौड़ पर रेडियोग्राम के जरिये समन प्रेषित किया गया था। 

कोर्ट ने कहा - 'अभियोजन पक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करने में बरत रहा उदासीनता' 

शनिवार को मुख्तार की पेशी के दौरान एमपी-एमएलए कोर्ट ने कहा कि इन लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट
दोनों समन तामील होने के बाद भी अदालत में हाजिर नहीं हुए। कोर्ट ने यह माना कि अभियोजन पक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करने में उदासीनता बरत रहा है। कोर्ट ने वादी शिवशंकर शुक्ला और रूपेंद्र गौड़ के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के आदेश दिए। आपको बताते चलें कि शिव शंकर शुक्ला सेवानिवृत्त होकर कानपुर में रह रहे हैं। रूपेंद्र गौड़ रामपुर में एएचटीयू थाना प्रभारी हैं। हाल में वे अमरोहा के तिगड़ी मेले में ड्यूटी दे रहे हैं। 

दोनों पुलिसकर्मियों को 30 नवम्बर तक दी गई गवाही की तारीख 

अदालत ने एसएसपी मुरादाबाद को वारंट और नोटिस तामील करके तय दिनांक पर अदालत में पेश करने के निर्देश दिए हैं। मुख्तार अंसारी का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता रवि अरोरा ने कोर्ट में प्रस्तुत किया। अदालत ने गवाही के लिए 30 नवंबर की तारीख नियत की है।


ये था पूरा मामला- 

मुख्तार अंसारी वर्ष 1999 में सेंट्रल जेल में बंद थे। उस दौरान तत्कालीन जिलाधिकारी राजेंद्र कुमार तिवारी और तत्कालीन एसएसपी सुवेश कुमार सिंह व अन्य पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने मुख्तार अंसारी की बैरक का निरीक्षण किया था। उस समय बैरक से मोबाइल और बुलेट प्रूफ जैकेट बरामद हुई थी। इस मामले में जगदीशपुरा थाने में तत्कालीन एसओ शिव शंकर शुक्ला ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।

 

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