पुलिसकर्मियों को तनाव से निजात दिलाने के लिए विभाग ने नया तरीका अपनाया है। अब यूपी पुलिस विभाग अपने कर्मचारियों की काउंसलिंग करा रहा है
लखनऊ(Uttar Pradesh). पुलिसकर्मियों को तनाव से निजात दिलाने के लिए विभाग ने नया तरीका अपनाया है। अब यूपी पुलिस विभाग अपने कर्मचारियों की काउंसलिंग करा रहा है। इसकी शुरुआत लखनऊ में गाजीपुर और महानगर थाने से की गई है। मनोचिकित्सकों की टीम काउंसलिंग के साथ ही पुलिसकर्मियों को तनाव से मुक्त रहने की टिप्स भी दे रही है।
यूपी पुलिस के पुलिस कर्मी लगातार ड्यूटी व काम का प्रेशर होने से बढ़ते से तनावग्रस्त होते जा रहे हैं। तनाव बढ़ने से पुलिस कर्मियों द्वारा खुदकुशी करने की भी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसको देखते हुए DGP ओपी सिंह ने थाने से लेकर पुलिस लाइन व पुलिस कार्यालय में तैनात कर्मचारियों को मनोचिकित्सक, मनोवैज्ञानिकों की सलाह दिलाए जाने का आदेश जारी किया था। तकरीबन एक साल पहले जारी किए गए इस आदेश पर अब अमल शुरू हो गया है। राजधानी लखनऊ से इसकी शुरुआत की गई है।
थाने में अच्छा माहौल बनाने को हुई काउंसिलिंग
मंगलवार वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. केएन सिंह ने लखनऊ के दो थानों महानगर व गाजीपुर का दौरा किया। वहां उन्होंने पुलिस कर्मियों के साथ ही होमगार्ड्स से बातचीत की। कुछ से ग्रुप में तो कुछ से अकेले में बात कर उनके तनाव का कारण जाना। जिसके बाद उन्हें कुछ आवश्यक टिप्स दिए। थाने का माहौल अच्छा बनाने के लिए उन्होंने काउंसिलिंग करने के साथ ही वहां पौधरोपण करने के लिए भी कहा।
एक महीने तक होगा पुलिसकर्मियों की मनोदशा का आंकलन
पुलिसकर्मियों को तनाव व उससे होने वाली बीमारियों से दूर रखने केलिए सभी कार्यालय में मनोचिकित्सक पुलिसकर्मियों की मनोदशा का एक महीने तक आकलन करेंगे। प्रतिदिन इसका डाटा दर्ज किया जाएगा। इसके बाद रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाएगी। मनोदशा का आंकलन पूरा होने के बाद पुलिसकर्मियों को तनाव मुक्त रखने के लिए संबंधित को आवश्यक दिशानिर्देश दिए जाएंगे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय से मिलेगा विशेष बजट
वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. केएन सिंह के मुताबिक इस योजना को सफल बनाने और पुलिसकर्मियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से विशेष बजट का आवंटन किया जाएगा। इसका लाभ पुलिसकर्मियों को मिलेगा। उन्होंने पुलिसकर्मियों से तनावमुक्त रहने के लिए योग करने की सलाह दी।