
आगरा (Uttar Pradesh). ताजनगरी में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है। धुंध के चलते पर्यटक ठीक से ताजमहल का दीदार भी नहीं कर पा रहे। यमुना एक्सप्रेसवे और आगरा एक्सप्रेसवे के निर्माण के दौरान करीब 5 साल तक आगरा में धूल-मिट्टी उड़ती रही, जिससे लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। यह सब देखते हुए यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) पर 6.84 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। यही नहीं, जुर्माना नहीं भरने पर वायु प्रदूषण फैलाने का केस दर्ज करने की चेतावनी दी है।
एनएचएआई ने निर्देशों को किया नजरअंदाज
बता दें, आगरा में एयर क्वालिटी इंडेक्स ज्यादातर खतरनाक स्तर पर रहता है। इसका सबसे बड़ा कारण है आगरा परिक्षेत्र में जगह-जगह हाइवे का निर्माण। इस वजह से कई किलोमीटर तक धूल-मिट्टी के ढेर लगे रहते हैं। इसको लेकर ताज ट्रपेजियम जोन (TTZ) बोर्ड की 47वीं बैठक में एनएचएआई को हाइवे से मिट्टी का ढेर हटाने का निर्देश दिया गया था। इसके बावजूद एनएचएआई ने लापरवाही भरा निर्माण कार्य जारी रखा। धूल को लेकर कोई इंतजाम नहीं किए गए। यूपी प्रदूषण बोर्ड के मुख्य पर्यावारण अधिकारी आरके सिंह ने बताया, एनएचएआई के प्रोजेक्ट मैनेजर को 6 करोड़ 84 लाख रुपये 15 दिन के अंदर जमा कराने को कहा गया है।
केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने पहले ही दी थी चेतावनी
जानकारी के मुताबिक, हाइवे निर्माण के कारण ताज ट्रपेजियम जोन एरिया में कुल 5 सान यानी 1825 दिनों तक धूल उड़ती रही। इस दौरान केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने फरवरी 2019 को पर्यावरण क्षतिपूर्ति को लेकर गाइडलाइन भी जारी की थी। जिसमें एनएचएआई के अधिकारियों को हवा में धूल-मिट्टी उड़ने से रोकने का इंतजाम करने को कहा गया था। लेकिन इस ओर कोई कदम नहीं उठाया गया।
धूल की वजह से बढ़ रही ये बीमारी
हाइवे के किनारे जिनके घर हैं उन लोगों में धूल की वजह से सांस संबंधी बीमारी बढ़ रही है। एसएन मेडिकल कालेज और जिला अस्पताल में बड़ी संख्या में सांस संबंधी रोगियों की तादाद हर दिन पहुंचती है।
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