
लखनऊ. यूपी में आर्थिक आधार पर आरक्षण को अब सरकारी नौकरियों में भी लागू करने का रास्ता साफ हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार की हरी झंड़ी के बाद अब सरकारी नौकरियों के लिए परीक्षाएं आयोजित करने वाली संस्थाएं/आयोग अपनी भर्तियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए सीटें आरक्षित करने जा रहा।
यूपी सरकार के विशेष सचिव ने आयोग को लिखा पत्र
यूपी सरकार के विशेष सचिव कार्मिक संजय कुमार सिंह ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ चयन सेवा आयोग को पत्र लिखकर आर्थिक आधार पर कमजोर वर्ग को नौकरियों में आरक्षण दिए जाने का रास्ता साफ कर दिया है। सरकार के निर्णय के अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए सरकारी नौकरियों में दस प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएंगी।
बता दें कि दस प्रतिशत का यह आरक्षण जाति-धर्म से परे होगा। इसका निर्धारण आर्थिक स्थिति पर किया जाएगा।
अब जो भी भर्तियां होगी उसमें दस प्रतिशत सीटें रहेंगी रिजर्व
यूपी सरकार के आदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश में जो भी भर्तियां निकाली जाएंगी उसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए दस प्रतिशत सीटें आरक्षित रखी जाएंगी। यही नहीं जो वैकेंसी पहले आ चुकी है और प्रक्रिया अभी प्रारंभ नहीं हुई है उसमें भी यह आदेश लागू किया जाएगा।
इन अभ्यर्थियों को मिलेगा फायदा
यूपी सरकार का आर्थिक आधार पर आरक्षण का नियम उन सभी प्रतियोगी परीक्षाओं पर लागू किया जाएगा जिनका नोटिफिकेशन 1 फरवरी 2019 के बाद किया गया है। आदेश के अनुसार पहली फरवरी 2019 के बाद जो भी विज्ञापन जारी हुए है और परीक्षाएं नहीं हुई तो उनमें इस आरक्षण का लाभ दिया जाएगा।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग निकालेगा विज्ञापन
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष प्रवीण कुमार ने बताया कि कार्मिक विभाग द्वारा स्थिति साफ किए जाने के बाद जो भी विज्ञापन निकाला है और उसकी परीक्षा नहीं हुई है, उसमें आर्थिक रूप से कमजोर को 10 फीसदी आरक्षण देने के संबंध में जल्द ही पत्र जारी किया जाएगा। इसी के आधार पर पात्रों को आरक्षण का लाभ मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा।
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