दिल्ली हिंसाः दूध लेने निकला था रिक्शा चालक, 6 दिन बाद मिली लाश, परिवार में नहीं रहा कोई कमाने वाला

Published : Mar 02, 2020, 09:44 AM ISTUpdated : Mar 02, 2020, 10:59 AM IST
दिल्ली हिंसाः दूध लेने निकला था रिक्शा चालक, 6 दिन बाद मिली लाश, परिवार में नहीं रहा कोई कमाने वाला

सार

प्रेम सिंह करीब 6 माह पूर्व रोजगार की तलाश में अपने पूरे परिवार के साथ दिल्ली गया था। दिल्ली में वह बृजपुरी इलाके में स्थित एक मकान में किराए पर पत्नी बच्चे मां और भाई-बहन के साथ रहता था। यहां पहले नौकरी की तलाश की, लेकिन असफल होने पर उसने परिवार के भरण-पोषण के लिए रिक्शा चलाना शुरू कर दिया था।  

कासगंज (Uttar Pradesh)। सीएए के समर्थकों और विरोधियों के बीच दिल्ली में हिंसा हो रही है। इस हिंसा की चपेट में आने से राजपुरा सलेमपुर निवासी प्रेम (27) की भी मौत हो गई है। परिजनों के मुताबिक वह दिल्ली में रिक्शा चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करता था। उसकी तीन बेटियां हैं। जहां बेटियों के सिर से पिता का साया उठ गया तो पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है। परिवार में अब कोई भी कमाने वाला नहीं बचा है, आज शाम तक शव पहुंचने की संभावना है

इस तरह मिला शव
परिजनों ने बताया कि प्रेम 25 फरवरी को सुबह घर से दूध लेने के लिए निकला था। इसी दौरान हिंसा में घायल हो गया। किसी ने उसे अज्ञात के रूप में दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उधर जब प्रेम घर नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू कर दी। तलाश करते-करते परिजन गुरु तेग बहादुर अस्पताल पहुंच गए। जहां अज्ञात शवों में प्रेम सिंह का शव मिला।

नौकरी न मिली तो चलाने लगा रिक्शा
प्रेम सिंह करीब 6 माह पूर्व रोजगार की तलाश में अपने पूरे परिवार के साथ दिल्ली गया था। दिल्ली में वह बृजपुरी इलाके में स्थित एक मकान में किराए पर पत्नी बच्चे मां और भाई-बहन के साथ रहता था। यहां पहले नौकरी की तलाश की, लेकिन असफल होने पर उसने परिवार के भरण-पोषण के लिए रिक्शा चलाना शुरू कर दिया था।
 

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