UPTET Paper Leak: परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय और आरोपी अनूप प्रसाद की मुलाकात का CCTV आया सामने

आरोपी राय अनूप प्रसाद और परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय की मुलाकात का सीसीटीवी फुटेज वायरल हुआ है। बताया जा रहा है, 23 अक्टूबर 2021 को नोएडा के एक होटल में दोनों की मुलाकात हुई थी। 26 अक्टूबर 2021 को राय अनूप प्रसाद की कंपनी को पेपर छापने का ठेका मिला था।

Pankaj Kumar | Published : Dec 5, 2021 4:49 AM IST / Updated: Dec 05 2021, 10:20 AM IST

लखनऊ: UPTET पेपर लीक मामले के आरोपी राय अनूप प्रसाद और परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय (Sanjay Upadhyay) की मुलाकात का सीसीटीवी फुटेज वायरल (CCTV Video Viral) हुआ है। बताया जा रहा है, 23 अक्टूबर 2021 को नोएडा (Noida) के एक होटल में दोनों की मुलाकात हुई थी। 26 अक्टूबर 2021 को राय अनूप प्रसाद (Anup Prasad) की कंपनी को पेपर छापने का ठेका मिला था। सीसीटीवी फुटेज तेजी से वायरल हो रहा है। बता दें कि 28 नवंबर को होने वाला यह एग्‍जाम पेपर लीक होने की खबरों के बाद रद्द कर दिया गया था।

साजिश के तहत दिलाया गया पेपर प्रिंट का ठेका

एसटीएफ की जांच के मुताबिक, 26 अक्टूबर को आरएसएम फिनसर्व नाम की कंपनी को पेपर प्रिंट कराने का ठेका दिया गया या फिर दिलाया गया। जिसके पास सुरक्षित तरीके से पेपर छापने का इंतजाम तक नहीं था। साजिश रचने वालों को ये मालूम था कि फिनसर्व के पास सुरक्षित तरीके से पेपर छापने का इंतजाम नहीं है और ये पेपर कुछ छोटी और असुरक्षित प्रेस में छपेंगे। पेपर लीक कराने वाले सिंडिकेट से जुड़े लोग ऐसी छोटी और असुरक्षित प्रेसों पर मौजूद थे। पेपर इन प्रेसों में छपा और यहीं से पेपर बेचने वालों के हाथ लग गया।

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जांच में साफ हो गया है कि पेपर छापने का ठेका मिलने से पहले ही संजय उपाध्याय और राय अनूप प्रसाद की एक मीटिंग नोएडा के एक नामी होटल में हुई थी। बताया जा रहा है कि इस मीटिंग में ही पेपर आउट कराने की साज़िश रची गई। इस मुलाकात का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आ  गया है। यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश का कहना है कि अबतक की जांच में प्रिंटिंग प्रेस से ही पेपर लीक होने की पुष्टि हो रही है। बताते चलें कि रविवार को UPTET की परीक्षा होने से कई घंटे पहले पेपर आउट हो गया था। करीब 20 लाख अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल होने वाले थे, लेकिन पेपर सोशल मीडिया पर वायरल होने की वजह से सरकार को अचानक पेपर कैंसिल करना पड़ा

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