पश्चिमी यूपी के जाट नेताओं से अमित शाह ने की मुलाकात, कहा- BJP पर जाट समुदाय का अधिकार

जाट नेताओं के साथ बैठक के बाद अमित शाह ने कहा कि 2014,17,19 में आपने सरकार बनवायी है। यूपी से मेरी राष्ट्रीय राजनीति शुरू हुई है। तीनों चुनाव में जाट समुदाय ने जिताया है, जाट समाज ने हमेशा कमल खिलाया है। जाट समाज और भाजपा दोनो ही किसानों की सुनता है। जाट समाज मुगलों से लड़ा है हम भी मुगलों से लड़ रहे हैं। साथ ही कहा कि जाट समाज की बात हमारे दिल में है, भाजपा पर जाट समुदाय का अधिकार है, कांग्रेस सरकार में गन्ना मिलें बंद हुई। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 26, 2022 1:47 PM IST

मुजफ्फरनगर: बीजेपी ने जाट नेताओं के सहारे पश्चिमी यूपी में फतह की रणनीति बनाई है। बीजेपी ने यूपी के लिए अबकी बार 300 पार का नारा दिया है। पार्टी को सत्ता में वापसी के लिए पश्चिमी यूपी (Western UP) में बड़ी संख्या में सीटें जीता जरूरी होगा। किसान आंदोलन का सबसे ज्यादा असर भी पश्चिमी यूपी में ही रहा। इसलिए बीजेपी अब उस नकारात्मक असर को कम करने की कोशिश में जुटी है। बीजेपी के सीनियर नेता और केंद्र सरकार में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बुधवार को यूपी के 250 से अधिक जाट नेताओं के साथ मीटिंग की।

जाट समज ने हमेशा खिलाया कमल: अमित शाह
जाट नेताओं के साथ बैठक के बाद अमित शाह ने कहा कि 2014,17,19 में आपने सरकार बनवायी है। यूपी से मेरी राष्ट्रीय राजनीति शुरू हुई है। तीनों चुनाव में जाट समुदाय ने जिताया है, जाट समाज ने हमेशा कमल खिलाया है। जाट समाज और भाजपा दोनो ही किसानों की सुनता है। जाट समाज मुगलों से लड़ा है हम भी मुगलों से लड़ रहे हैं। साथ ही कहा कि जाट समाज की बात हमारे दिल में है, भाजपा पर जाट समुदाय का अधिकार है, कांग्रेस सरकार में गन्ना मिलें बंद हुई। 
हमारी सरकार में गन्ना मिलें बंद नहीं हुई। योगी जी के आने के बाद दंगा नहीं हुआ है। जयंत चौधरी ने घर गलत चुन लिया है। उनको हम भविष्य में देखेंगे।  

बीजेपी ने इससे पहले अपने सभी जाट नेताओं को भी सक्रिय किया है जो जाट समुदाय के बीच जाकर पार्टी की बात पहुंचा रहे हैं। पश्चिमी यूपी में 113 विधानसभा सीटें हैं जिनमें पहले और दूसरे चरण में मतदान होना है। पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को यहां 91 सीटों पर जीत मिली थी और समाजवादी पार्टी के हिस्से में 17 सीटें ही आई थी। बीजेपी नेताओं का मानना है कि उस वक्त आधे से ज्यादा जाट वोट बीजेपी को मिले थे। लेकिन इस बार तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल तक चले आंदोलन की वजह से स्थिति बदली हुई है। भले ही सरकार ने कृषि कानून वापस ले लिए लेकिन आंदोलनरत रहे किसान अब भी बीजेपी से दूर हैं

पश्चिम यूपी में जाट वोटर अहम
पश्चिमी यूपी में करीब 18 फीसदी जाट हैं। यहां करीब 25 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं। पहले माना जाता था कि जाट और मुस्लिम, ये दोनों एक साथ वोट करते हैं। लेकिन 2013 में हुए मुजफ्फरनर दंगों के बाद स्थिति बदली। 2017 में बीजेपी के पक्ष में बड़ी संख्या में जाट आए, जैसा पहले कभी नहीं आए थे। इस बार समाजवादी पार्टी और आरएलडी मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं और किसान आंदोलन में सक्रिय रहे कई लोगों ने उनके गठबंधन के पक्ष में बोला भी है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने भी पहले इस गठबंधन को समर्थन देने की बात कही। लेकिन बीजेपी ने जब अपने नेता संजीव बालियान को टिकैत से मिलने भेजा तो टिकैत ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन निष्पक्ष रहेगा।

नेताओं से वन टू वन मुलाकात का प्लान
बीजेपी को अभी भी चिंता है कि अगर जाट वोट बीजेपी के पक्ष में नहीं आया तो बीजेपी की मुश्किल बढ़ सकती है। इसलिए बीजेपी के सीनियर नेता जाट नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। यूपी दौरे में भी बीजेपी के सभी नेता जाट समुदाय के नेताओं से वन टू वन मिल रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, जिन नेताओं को बुलाया गया है, अमित शाह इनमें से कई से 2017 में भी मिले थे। दरअसल, वेस्ट यूपी से पहले चरण का मतदान 11 जिलों में 58 सीटों पर 10 फरवरी को होगा। दूसरे चरण का 9 जिलों की 55 सीटों पर 14 फरवरी को वोट पड़ेंगे।
 

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