हॉस्टल प्रभारी वरुण कुमार नायर ने झुलसे छात्रों के नाम शिव मंगल, गौरव, राहुल, दिपांशु, विदेश कुमार, त्रिदेव, जयसिंह, अमित, कपिल, खेमचंद, अंकित, धनंज्जय, शैलेन्द्र पटेल बताए है। घटना के दौरान हास्टल में कुल 55 छात्र थे। जो अपने कमरों में कालेज जाने के लिए तैयार हो रहे थे। घटना की आवाज सुनते ही रसोई की ओर दौड़े, और घटना का शिकार हो गए।
बुलंदशहर: सोमवार की सुबह बड़ा हादसा हो गया। यहां दानपुर में डिबाई तहसील के पीछे बने छात्रावास में सोमवार की सुबह खाना बनाने के दौरान गैस का सिलेंडर फट गया। इससे आग लग गई। आग का रूप बहुत ही भयंकर था। इसकी चपेट में आने से 13 छात्र झुलस गए। सभी घायलों को उपचार के लिए अलीगढ़ के मेडिकल कालेज भेजा गया है। यहां एक छात्र त्रिदेव की हालत नाजुक बनी है। मोके पर पहुँचकर पुलिस के अधिकारी जांच में जुटे है।
जमीन पर गिर गया था सिलेंडर
बताया गया कि मेस के कर्मचारी सुबह का खाना बना रहे थे। इसी दौरान एक छोटे सिलेंडर ने आग पकड़ ली। खाना बना रहा कर्मचारी इस सिलेंडर को लेकर बाहर भागा। जो सिलेंडर लेकिन गिर गया। कर्मचारी के गिरते ही सिलेंडर फट गया, और तेज आवाज हुई। छात्र खाना बना रहे कर्मचारियों को बचाने के लिए दौड़े और एक एक करके आग का शिकार होते गए। घटना में खाना बनाने वाले दो लोग अजय चुन्नू झुलसे है।
कालेज जाने के लिए तैयार हो रहे सभी
हॉस्टल प्रभारी वरुण कुमार नायर ने झुलसे छात्रों के नाम शिव मंगल, गौरव, राहुल, दिपांशु, विदेश कुमार, त्रिदेव, जयसिंह, अमित, कपिल, खेमचंद, अंकित, धनंज्जय, शैलेन्द्र पटेल बताए है। घटना के दौरान हास्टल में कुल 55 छात्र थे। जो अपने कमरों में कालेज जाने के लिए तैयार हो रहे थे। घटना की आवाज सुनते ही रसोई की ओर दौड़े, और घटना का शिकार हो गए। फिलहाल पुलिस के अधिकारी घटना के विषय मे जानकारी जुटा रहे है। साथ ही अधिकारियों ने एक दरोगा सतीश कुमार को झुलसे छात्रों का हालचाल लेने अलीगढ़ भेजा है।
नौ जिलों में कुल 12,210 मतदान केन्द्र के 23,614 मतदेय स्थलों पर वोट डाले जा रहे हैं। सातवें चरण में कुल 548 आदर्श मतदान केंद्र और 81 पिंक बूथ बनाए गए हैं जिनमें ड्यूटी पर तैनात सभी कार्मिक महिला हैं। अंतिम चरण में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए सुरक्षा के खास इंतजाम हैं। प्रत्येक मतदान केंद्र पर पर्याप्त संख्या में अर्धसैनिक बलों की तैनाती है। सभी जगह इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों को रखने के लिए बनाए गए स्ट्रांग रूम की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी अर्धसैनिक बलों को सौंपी गई है। पड़ोसी राज्यों के साथ उप सीमाओं पर नाकेबंदी की गई है।