ब्राह्मण चेहरे को मिल सकती कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी, मनथन शुरू

कांग्रेस विधानमंडल दल नेता आराधना तीसरी बार विधायक चुनी गई हैं। आधी आबादी को साधने में जुटी उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी सौंपकर महिलाओं को सकारात्मक संदेश दे सकेगी। ब्राह्मण जाति से ताल्लुक रखने वाली डा. रीता बहुगुणा जोशी के प्रदेश अध्यक्ष रहते कांग्रेस ने 2009 के लोकसभा चुनाव में 22 सीटें जीती थीं, 2012 के विधान सभा चुनाव में भी अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन किया था।

Asianet News Hindi | Published : Mar 17, 2022 1:23 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद हटाये गए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के उत्तराधिकारी को लेकर पार्टी के अंदर अटकलें तेज हो गई हैं। चुनावी हार के बाद उपजी स्थितियों का आकलन करने और चुनाव में उतरे कांग्रेस प्रत्याशियों और वरिष्ठ नेताओं से चर्चा कर संगठन में बदलाव के बारे में सुझाव देने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह को जिम्मेदारी सौंपी है। जितेंद्र सिंह उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से गठित की गई स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष भी थे।

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में कई चेहरे शामिल हैं। प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए अतीत में कई प्रयोग कर चुकी कांग्रेस के भीतर यह चर्चा तेज है कि पार्टी को ब्राह्मण चेहरे पर दांव चलना चाहिए। प्रदेश में पार्टी का सबसे चर्चित ब्राह्मण चेहरा प्रमोद तिवारी हैं लेकिन उम्र के तकाजे से वह यह जिम्मेदारी उठाने के अनिच्छुक हैं। इस लिहाज से रामपुर खास सीट से चुनाव जीतने वाली उनकी पुत्री आराधना मिश्रा 'मोना' का नाम भी प्रमुखता से लिया जा रहा है।

कांग्रेस विधानमंडल दल नेता आराधना तीसरी बार विधायक चुनी गई हैं। आधी आबादी को साधने में जुटी उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी सौंपकर महिलाओं को सकारात्मक संदेश दे सकेगी। ब्राह्मण जाति से ताल्लुक रखने वाली डा. रीता बहुगुणा जोशी के प्रदेश अध्यक्ष रहते कांग्रेस ने 2009 के लोकसभा चुनाव में 22 सीटें जीती थीं, 2012 के विधान सभा चुनाव में भी अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन किया था।

ब्राह्मण चेहरे के तौर पर वाराणसी के पूर्व सांसद राजेश मिश्रा का नाम भी लिया जा रहा है। हालांकि वह कई बार से चुनाव हार चुके हैं। हिंदू-मुस्लिम एकता के पैरोकार कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम भी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में बताये जा रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष के जरिये पिछड़ों को साधने का दांव यदि कांग्रेस ने फिर चला तो महाराजगंज की फरेंदा सीट से जीतकर पार्टी प्रत्याशी वीरेंद्र चौधरी की लाटरी भी खुल सकती है। चौधरी कुर्मी बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं। दलित चेहरे के तौर पर पार्टी पूर्व सांसद पीएल पुनिया और मुस्लिम चेहरे के तौर पर नसीमुद्दीन सिद्दीकी को भी मौका दे सकती है।

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