
अनुज तिवारी, वाराणसी
उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi) मंडल में आने वाले चंदौली जिले की चकिया विधानसभा सीट पर इस बार के चुनाव में कांटे की टक्कर होती दिखाई दे रही है। यह विधानसभा अपने आप में खास इस वजह से भी है कि इसी विधानसभा क्षेत्र का भभौरा गांव भारत के केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का पैतृक गांव है। इस सीट पर बीजेपी, एसपी और बीएसपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है।
'विधानसभा का इतिहास'
चंदौली जिले के चकिया विधानसभा चुनाव की शुरुआत 1962 में आम चुनाव के साथ शुरू हुई। क्या विधानसभा चर्चा का विषय बना जब 2012 में इस विधानसभा सीट पर पहली बार महिला विधायक बागी 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के पूनम सोनकर ने बहुजन समाज पार्टी के जितेंद्र कुमार को हराकर पहली महिला विधायक होने का गौरव हासिल किया और 2007 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के जितेंद्र कुमार ने जीत दर्ज की। वहीं 2002 के विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के शिव तपस्या पासवान ने 1996 के चुनाव में सपा के सत्य प्रकाश सोनकर ने जीत दर्ज की थी। वहीं 2017 में इस विधानसभा सीट पर बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए शारदा प्रसाद ने मोदी लहर में जीत हासिल की थी ।
'प्राकृतिक संपदाओं से घिरा है यह विधानसभा क्षेत्र'
उत्तर प्रदेश के इस विधानसभा क्षेत्र में पर्यटन के लिहाज से काफी कुछ देखने को मिलेगा चकिया विधानसभा क्षेत्र में चर्चित राजदरी,देवदरी इन स्थानों पर पहाड़ और झरने के लिए मशहूर माना जाता है। और बनारस से काफी संख्या में पर्यटक यहां घूमने जाते हैं । वहीं दूसरी तरफ धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो यहां पर प्राचीन नौगढ़ के जंगलों के बीच स्थित हनुमानजी मंदिर ,काली मंदिर, लतीफ शाह की मजार जैसे तमाम प्राचीन और धार्मिक मंदिर मस्जिद मौजूद है। वही माना जाता है कि काशी नरेश का किला भी इस विधानसभा क्षेत्र में आता था।
'जनसंख्या एवं जातीय समीकरण'
विधानसभा क्षेत्र में कुल 36758 मतदाता हैं. इस विधानसभा में एक तरफ जहां 196600 पुरुष मतदाता हैं तो वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 170978 है। अनुमानित जातिगत आंकड़ों की बात करें तो इस विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक हरिजन मतदाता हैं। जिनकी संख्या पचास हजार के आसपास है। दूसरे नंबर पर यादव मतदाता हैं, जिनकी संख्या तकरीबन 40 हजार है। चकिया विधानसभा क्षेत्र में क्षत्रिय मतदाताओं की तादाद तकरीबन 35 हजार है।
'समझिए पूरी ताना बाना'
इस विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो बिजली सड़क शिक्षा और सिंचाई इस विधानसभा क्षेत्र के लिए चुनौती हैं। पहाड़ी इलाका होने के कारण इस विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी और वनवासी गांव में विद्युतीकरण का कार्य एवं गांव में जाने के लिए सड़क साथी साथ पहाड़ों पर शिक्षा बड़ी चुनौती है। पर्यटन के लिहाज से इस विधानसभा क्षेत्र में काफी कुछ देखने को मिलता है। वहीं अगर विधायक की माने तो उनके अनुसार इन 5 सालों में इस विधानसभा क्षेत्र में प्रमुख मुद्दों पर विशेष काम किया गया है शिक्षा सड़क बिजली सिंचाई को लेकर उन्होंने अपने विधायक निधि से काफी काम किया है। उनका कहना है कि जहां पहले लोग लालटेन के सहारे रात्रि गुजारते थे वहीं अब उनके घरों में बिजली के तार पहुंच गए हैं।
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