
कानपुर (उत्तर प्रदेश). हाथरस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में मिशन शक्ति की शुरुआत की थी। जिसका उद्देशय था कि बेटियां और महिलाओं के सम्मान के साथ उनकी रक्षा हो सके। साथ ही वह थाने में जाकर खुलकर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकें। लेकिन यहां यूपी पुलिस का ऐसा अमानवीय चेहरा सामने आया है कि जिसको जानकर लगता है कि सीएम के दावों को खाकी वर्दी वाले ही दागदार कर रहे हैं। इटावा जिले में एक लड़की के साथ थानेदार ने ऐसा व्यवहार किया की उसने ट्रेस से कटकर अपनी जान दे दी।
थानेदार के रवैये से दुखी होकर दुनिया छोड़ गई लड़की
दरअसल, यह दुखद मामला इटावा जिले का है, जहां एक लड़की छेड़खानी से परेशान होकर अपने परिवार के साथ बलरई थाने शिकायत दर्ज कराने के लिए पहुंची थी। जब थाना प्रभारी बृजेंद्र सिंह लड़की का दर्द सुनने की जगह उसे गाली देने लगा। उसे डांटकर थाने से भगा दिया। बस इसी बात से दुखी होकर पीड़िता ने बलरई रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी।
रातभर रोई लड़की..सुबह ट्रेन से कटकर दे दी जान
लड़की के भाई ने बताया कि थाना प्रभारी बृजेंद्र सिंह ने जबरन पहले तो हमारा आरोपी के साथ समझौता करा दिया था। जिसके बाद रातभर मेरी बहन रोती रही, जब सुबह पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं कि तो उसने इंसाफ नहीं मिलने से दुखी होकर आत्महत्या कर ली।
परिवार ने कहा-थानेदार की वजह से बेटी मर गई
मामले ने जब तूल पकड़ा तो औरैया की एसएसपी अपर्णा गौतम मौके पर पहुंचे। साथ ही कहा कि थानेदान ने अगर हकीकत में ऐसा अमानवीय व्यवहार किया है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि इटावा के एसपी छुट्टी पर होने के चलते औरैया की एसएसपी पहुंची थीं। परिवार का कहना है कि अगर थानेदार ने समय रहते हुए आरोपी पर कार्रवाई की होती तो आज हमारी बेटी जिंदा होती।
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