लखीमपुर: ये रहे SIT के 15 सवाल, जिनमें बुरा फंसा मंत्री का बेटा आशीष, हर दांव पड़ा उल्टा..जानिए पूरी कहानी

केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा (Ajay Mishr) के बेटे आशीष (Ashish Mishr) को शनिवार देर रात पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अब उसे  11 अक्टूबर यानि सोमवार को अदालत में पेश किया जाएगा। आशीष पर हत्या और  अपराधिक साजिश जैसे कई कई धाराओं में अपराध दर्ज किया है।
 

लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश).  3 अक्टूबर को किसानों लखीमपुर खीरी हिंसा मामले (Lakhimpur kheri Violence) में मुख्य आरोपी बनाए गए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी (union minister ajay mishra का बेटा आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) को शनिवार देर रात पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। 11 अक्टूबर यानि सोमवार को अदालत में पेश किया जाएगा। बता दें कि आशीष के खिलाफ हत्या, एक्सीडेंट में अपराधिक साजिश और लापरवाही से वाहन चलाने  जैसी कई धाराओं में अपराध दर्ज किया गया है। आइए जानते हैं कि पुलिस ने मंत्री के बेटे से किए क्या-क्या सवाल जो वह नहीं दे पाया...

डीआईजी ने कहा-आशीष ने जांच में नहीं किया सहयोग
दरअसल, क्राइम ब्रांच ने आरोपी को 11 बजे बुलाया गया था, लेकिन वो तय समय से पहले ही करीब 20 मिनट पहले पहुंच गए। क्राइम ब्रांच टीम ने आशीष से करीब 12 घंटे तक पूछताछ की गई। सहारनपुर के डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा ने जांच में सहयोग नहीं किया। साथ कुछ सवालों के उन्होंने ठीक से जवाब नहीं दिए, इस लिहाज से अब उनको कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा।

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पूछताछ के दौरान हुआ VIP ट्रीटमेंट
सूत्रों के मुताबिक, 12 घंटे तक चली पूछताछ के दौरान मंत्री के बेटे को करीब 14 से 15 बार चाय नास्ता क्राइम ब्रांच टीम के सामने दिया गया। साथ ही आशीष के साथ अंदर उनके वकील अवधेश सिंह और मंत्री अजय मिश्र टेनी के प्रतिनिधि अरविंद सिंह संजय और भाजपा के सदर विधायक योगेश वर्मा भी साथ थे।

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13 वीडियो, एक पेन ड्राइव के साथ दो मोबाइल भी पेश किए
बता दें कि आशीष ने क्राइम ब्रांच टीम के सामने अपने सबूत के तौर पर करीब 13 वीडियो पेश किए। साथ ही 10 एफिडेविट और एक पेन ड्राइव के साथ दो मोबाइल भी पेश किए गए। पुलिस जिनकी फॉरेंसिक जांच कराएगा। इतना ही नहीं करीब 1 लोगों के बयान का  हलफनामा भी जांच आधिकारियों के सामने पेश किए। जिसमें बताया गया कि हिंसा के दौरान आशीष मौके पर नहीं थे।

स्कूटर पर बैठ सरेंडर करने पहुंचे थे मंत्री के बेटे
बता दें कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा किसी कार या लग्जरी गाड़ी से नहीं पहुंचे थे। बल्कि एक स्कूटर पर सवार होकर क्राइम ब्रांच दफ्तर पहुंचे थे। जिस स्कूटर पर बैठे थे, उसे लखीमपुर खीरी सदर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक योगेश वर्मा चला रहे थे। आशीष  10 बजकर 38 मिनट पर क्राइम ब्रांच के दफ्तर पहुंचे। विधायक जी बाहर ही अपने स्कूटर के साथ रुक गए।

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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के इस्तीफे के भी मांग उठने लगी
घटना के दिन से लेकर आशीष की गिरफ्तार तक पूरे मामले में सियासत जारी थी। नेताओं का पीड़ित परिवार के घर आना-जाना लगा हुआ था। विपक्षी पार्टियां लगातार मंत्री के बेटे को हिरासत में लेने की मांग कर रही थीं। साथ केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के इस्तीफे के भी मांग उठने लगी। इतना ही नहीं इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने भी नाराजगी जताई। इसके बाद मामले में तेजी आई और आरोपी को दो-दो नोटिस भेजकर पुलिस के सामने पेश होने के आदेश दिए गए।

कभी नेपाल तो कभी उत्तराखंड भागने के लगे आरोप
बता दें कि कुछ दिन पहले खबरें आई थीं कि आशीष नेपाल भाग गया है। पुलिस का कहना है कि हम आशीष की तलाश कर रहे हैं। जबकि सुबह की लोकेशन उत्तराखंड के बाजपुरा में बताई गई। लखीमपुर खीरी पुलिस ने नेपाल और उत्तराखंड पुलिस से संपर्क किया है। आशीष पर आरोप लगे कि वह घटना के दौरान के सबूतों को भी मिटा सकता है। पुलिस पर पक्षपात के भी आरोप लग रहे थे।

यह भी पढ़ें- लखीमपुर खीरी कांड: मंत्री से कम नहीं है 'शहजादे' बेटे का रुतबा, जिन पर लगा है किसानों की हत्या का आरोप

सूत्रों के मुतबिक मंत्री के बेटे आशीश से क्राइम ब्रांच टीम के अफसरों ने करीब  40 सवाल किए थे। जिनमें कुछ ऐसे भी सवाल थे जिनके वह ठीक से जवाब नहीं दे पाया।

सवाल 1. रविवार यानि 2 अक्टूबर को घटना के दौरान  2:36 से 3:30 बजे तक कहां  थे?
जवाब- में इस समय दंगल में था...

सवाल 2. तुम्हारे साथ-साथ टक्कर मारने वाली जीप में और कौन-कौन सवार था?
जवाब-गाड़ी में मेरे साथ हरिओम ड्राइवर था, हम दंगल में थे और उसके साथ कौन था पता नहीं?

सवाल 3.  जिस गाड़ी में तुम बैठे हुए थे वह किसकी थी।?
जवाब- वह गाड़ी थार थी और मेरी थी, लेकिन उसमें मैं नहीं बैठा था।

सवाल. 4 घटनास्थल पर तुम्हारी थार जीप पहुंची तो वहां पर कितनी भीड़ थी? 
जवाब- आप कितनी बार पूछेंगे उस वक्त मैं वहां नहीं था, हिंसा की जानकारी मुझे बाद में पता चली।

सवाल 5. गाड़ी में तुम कहां पर बैठे थे? उसे कौन चला रहा था?
जवाब- आप लाख बार पूछिए मेरा एक ही उत्तर होगा मैं वहां पर नहीं था, मुझे नहीं मालूम।

सवाल 6. हिंसा से पहले किसानों की भीड़ बीच सड़क पर क्या करने के लिए पहुंची हुई  थी। क्या तुम्हारी गाड़ियों को रोक रही थी?
जवाब- मुझे कुछ नहीं पता।

सवाल 7. तुम्हारे काफिले में जब कोई पहला आदमी टकराया तो गाडी को क्यों नहीं रोका गया?
जवाब- मैं आपसे कितनी बार कह चुका हूं, अगर में वहां पर होता तो ही तो गाड़ी को रोकता।

सवाल 8. तुम्हारे साथ गाड़ी में किस-किस के पास लाइसेंसी हथियार थे, तुम्हारे पास है या नहीं?
जवाब- मुझे कुछ नहीं पता

सवाल 9.  तुम्हारे पास लाइसेंसी हथियार है या नहीं है? तुम्हारे साथ वाहन में किस-किस के पास लाइसेंसी हथियार थे?
जवाब- नहीं पता।

सवाल 10. हिंसा के दौरान तुम घटनास्थल पर नहीं थे? यह तुम किस आधार पर दावा करते हो?
जवाब. मैं पहले भी कह चुका हूं कि इस दौरान मैं दंगल कार्यक्रम था, इसके मैंने आपको वीडियो फुटेज और गांववालों के हलफनामा दिया है।

सवाल 11. घटना के दौरान फायरिंग की आवाज वाहनों से कैसे आ रही थी?
जवाब- मुझे कुछ नहीं पता हर बार एक ही सवाल।

सवाल.12- तुम्हारे दावे और उपलब्ध कराए गए साक्ष्य पर पुलिस भरोसा क्यों करे, जब तुमने अब तक कोई सहयोग हीं नहीं किया?
जवाब- पुलिस ने जैसे ही बुलाया मैं हाजिर हो गया। साथ ही जब भी मेरे सहयोग की जरूरत पड़ेगी दूंगा। मैं कोई अपराधी नहीं हूं। 

सवाल 13. तुम हिंसा के दौरान वहां पर नहीं थे तो फारर क्यों थे, आखिर क्यों भाग रहे थे। नोटिश के बाद भी पेश नहीं हुए?
जवाब- इस दौरान में दिल्ली में था, उसके बाद तबीयत ठीक नहीं थी, इसलिए आने में समय लगा।

सवाल 14. तुम अपनी सत्यता के जो भी प्रमाण दे रहे हो उसे हमं कैसे सही मानें?
जवाब- मैंने जो भी मोबाइल, वीडियो पेन ड्राइव दिए हैं आप उनकी फॉरेंसिक जांच करा सकते हैं।

सवाल.15- जो वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट हैं उनसे पता चलता है कि तुम वहां पर थे? 
जवाब- मैं पहले भी कह चुका हूं कि वहां पर नहीं था। जो वीडियो हैं वह गलत हैं। मैंने जो दिए हैं वह सही हैं।  

यह है पूरा मामला
रविवार यानी 3 अक्टूबर को किसानों ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र का विरोध करते हुए काले झंडे दिखाए थे। इस दौरान कुछ गाड़ियां उधर से जा रही थीं। ये गाड़ियां केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की बताई गईं। रास्ते में तिकुनिया इलाके में किसानों के विरोध-प्रदर्शन वाली जगह झड़प हो गई। बाद में ऐसा आरोप लगाया गया कि आशीष मिश्रा ने किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी, जिससे 4 लोगों की मौत हो गई। किसानों की मौत के बाद मामला बढ़ गया और हिंसा भड़क गई। हिंसा में बीजेपी नेता के ड्राइवर समेत चार लोगों की मौत हो गई। कुल मिलाकर इस हिंसा में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है।
 

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