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लखीमपुर खीरी कांड: मंत्री से कम नहीं है 'शहजादे' बेटे का रुतबा, जिन पर लगा है किसानों की हत्या का आरोप
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दरअसल. आशीष मिश्रा केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के छोटे बेटे हैं। हालांकि उनको इलाके के लोग मोनू कहकर भी पुकारते हैं। वह पैतृक संपत्ति में पेट्रोल पंप और राइस मिल जैसे कई बिजनस को देखते हैं। साथ ही पिता के साथ राजनीति में भी एक्टिव रहते हैं।
आशीष मिश्रा साल 2012 में पिता को लखीमपुर खीरी की निघासन सीट से विधायकी का टिकट मिलने के साथ ही वह राजनीति में ऐक्टिव हो गए थे। अजय मिश्र ने अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत जिला पंचायत सदस्य के रूप में की थी। तभी से लेकर केंद्रीय मंत्री तक पिता का पूरा चुनावी प्रचार-प्रसार आशीष मिश्रा ने संभालते हैं।
बता दें कि पिता के साथ-साथ बेटे की भी लोकप्रियता बढ़ती गई और उन्होंने भी चुनाव लड़के का मन बनाया। इसके लिए पिता अजय मिश्रा ने 2017 विधानसभा चुनाव में आशीष के लिए विधायक का टिकट मांगा, लेकिन बात नहीं बन पाई। इसके बाद भी वह पिता की विधानसभा सीट निघासन में लगातार सक्रिय रहे। उनको लगता था कि साल 2022 के चुनाव में उनको टिकट मिल जाएगा। लेकिन उससे पहले ही यह विवाद हो गया।
आशीष मिश्रा सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं। वह लगातार अपने इलाके में सक्रिय देखे जाते हैं। क्षेत्र में कोई छोटा या बड़ा कार्यक्रम हो वह जरुर शामिल होते हैं। इतना ही नहीं कुछ दिनि पहले उन्होंने निघासन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सरकार की ओर से आयोजित कार्यक्रम में स्मार्ट फोन भी बांटे। पिता को केंद्रीय टीम में शामिल होने के बाद अब उनकी टिकट दिए जाने की संभावना बढ़ गई थी।
वहीं इस पूरे मामले पर आशीष मिश्रा का कहना है कि घटना वाले दिन मैं सुबह 9 बजे से शाम तक बनबीरपुर में था, मैं 2 दिनों से यहां पर हू नहीं। हो सकता है कि कोई मुझे पसंद नहीं करते और राजनीति का इस्तेमाल कर रहे हों। इसके लिए वह मेरी छवि खराब करने की कोशिश की गई हो। मेरे खिलाफ आरोप पूरी तरह से निराधार हैं और मैं इस मामले की न्यायिक जांच की मांग करता हूं।