कैंट सीट पर घमासान जारी, मेयर संयुक्ता भाटिया के बाद मौजूदा विधायक ने की अपनी दावेदारी

सुरेश चंद्र तिवारी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि पार्टी नेतृत्व ने पहले ही साफ कर दिया है कि किसी मौजूदा विधायक या सांसद के बेटे-बेटी को टिकट नहीं मिलेगा। इसलिए जोशी के बेटे को टिकट मिलने का कोई चांस ही नहीं है। अपर्णा यादव की दावेदारी पर उनका मानना है कि मुलायम की बहू को किसी सीट से टिकट नहीं मिलेगा और पार्टी उनका इस्तेमाल पूर प्रदेश में प्रचार के लिए करेगी। 

Pankaj Kumar | Published : Jan 26, 2022 7:58 AM IST

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए लखनऊ कैंट सीट सिरदर्द बन चुका है। एक तरफ सांसद रीता बहुगुणा जोशी (Rita Bahuguna Joshi) अपने बेटे के लिए यह सीट मांग रही हैं तो हाल ही में पार्टी में आईं मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव (Aparna Yadav) के भी इस सीट पर दावेदारी की चर्चा है। वहीं, बीजेपी के मौजूदा विधायक सुरेश चंद्र तिवारी (Suresh Chandra Tiwari) ने भी साफ कर दिया है कि वह एक बार फिर इस सीट से लड़ना चाहते हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि अपर्णा यादव और रीता बहुगुणा जोशी के बेटे को टिकट नहीं मिलेगा।

सुरेश चंद्र तिवारी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि पार्टी नेतृत्व ने पहले ही साफ कर दिया है कि किसी मौजूदा विधायक या सांसद के बेटे-बेटी को टिकट नहीं मिलेगा। इसलिए जोशी के बेटे को टिकट मिलने का कोई चांस ही नहीं है। 

अपर्णा यादव की दावेदारी पर उनका मानना है कि मुलायम की बहू को किसी सीट से टिकट नहीं मिलेगा और पार्टी उनका इस्तेमाल पूर प्रदेश में प्रचार के लिए करेगी। उन्होंने कहा, ''मैंने एक बार फिर इस सीट से बीजेपी के टिकट पर लड़ने की इच्छा जाहिर की है। मुझे लगता है कि टिकट मुझे ही मिलेगा।'' सुरेश चंद्र इस सीट से चार बार के विधायक हैं और बीजेपी से दशकों से जुड़े हुए हैं। 

'किसी और को भी मिला टिकट तो करूंगा प्रचार'
हालांकि, बीजेपी नेता ने यह भी कहा कि यदि पार्टी किसी और उम्मीदवार को भी टिकट देती है तो वह इस सीट पर जितवाने के लिए प्रचार करेंगे। उन्होंने कहा, ''पार्टी जिसे भी उम्मीदवार बनाएगी, मैं जितवाने के लिए पूरा प्रयास करूंगा।'

लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया ने एशिया नेट से बतचीत के दौरान कैंट सीट पर अपनी दावेदारी का दावा किया था। उन्होंने कहा था कि हमारे परिवार ने उस सीट को खड़ा किया है। पहले वह सीट कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी। लेकिन मेरी परिवार की मेहनत की वजह से वहां हमने बीजेपी को खड़ा किया। कैंट सीट पर मेरा अधिकार है। हलांकि बाद में उन्होंने कहा कि पार्टी तय करेगी की । 

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