गृह के बाद PWD को सबसे महत्वपूर्ण विभाग माना जाता है। केशव से यह विभाग लेकर कांग्रेस से भाजपा में आए जितिन प्रसाद को दिया गया है। जितिन प्रसाद को पिछली बार प्रौद्योगिकी विभाग दिया गया था। किसी भी सरकार में PWD सबसे कद्दावर नेताओं के पास ही रहता है। अखिलेश सरकार में यह विभाग शिवपाल यादव के पास था।
लखनऊ: सीएम योगी के मंत्रियों को सोमवार की शाम विभागों को बंटवारा कर दिया गया। इस बंटवारे में कुछ विधायकों का कद बढ़ा हैं। तो वहीं पूर्व में बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे कुछ चेहरों से उनके विभाग वापस ले लिए गए हैं।
ग्रामीण विकास समेत छह विभाग केशव के पास
इसमें सबसे आगे डिप्टी सीएम केशव मौर्य का नाम चल रहा है। केशव मौर्य को बीजेपी ने एक बार फिर उप मुख्यमंत्री तो बना दिया है, लेकिन लोक निर्माण विभाग (PWD) को उनसे वापस लेकर जितिन प्रसाद को दे दिया गया है। हालांकि उसकी जगह पर केशव को ग्रामीण विकास समेत छह विभाग सौंपे गए हैं। इनमें ग्रामीण विकास, ग्रामीण इंजीनियरिंग, फूड प्रोसेसिंग, मनोरंजन कर, पब्लिक एंटरप्राइजेज और नेशनल इंटीग्रेशन शामिल हैं।
लोक निर्माण को माना जाता है अहम विभाग
गृह के बाद PWD को सबसे महत्वपूर्ण विभाग माना जाता है। केशव से यह विभाग लेकर कांग्रेस से भाजपा में आए जितिन प्रसाद को दिया गया है। जितिन प्रसाद को पिछली बार प्रौद्योगिकी विभाग दिया गया था। किसी भी सरकार में PWD सबसे कद्दावर नेताओं के पास ही रहता है। अखिलेश सरकार में यह विभाग शिवपाल यादव के पास था।
सीएम योगी ने अपने पास गृह, सूचना और राजस्व समेत 34 विभागों को रखा है। दोबारा डिप्टी सीएम बनने वाले केशव प्रसाद मौर्य को लोक निर्माण विभाग (PWD) की जगह ग्रामीण विकास विभाग की जिम्मेदारी इस बार मिली है।
'पिछली सरकार में रहने का अनुभव मिला'
केशव प्रसाद ने कहा कि जो भी विभाग की योजनाएं हैं उन्हें लोगों तक सुविधाजनक तरीके से पहुंचाई जाएंगी। सौ दिन के रिपोर्ट कार्ड के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी। केशव ने कहा कि पिछली सरकार में रहने का अनुभव मिला है, उसका फायदा भी मिलेगा। केशव ने कहा कि सबसे ज्यादा आबादी गांवों में रहती है। गांव की आबादी के विकास की कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।