पुरवा विधानसभा सीट रिजल्ट 2022: मुन्नवर राना की बेटी उरूसा को मिले नोटा से भी कम वोट

शाम चार बजे तक के आंकड़े के अनुसार उरूसा को नोटा से भी कम वोट मिले हैं। पुरवा से भाजपा के अनिल कुमार सिंह सबसे आगे हैं। दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी के उदय राज हैं। उरूसा राना को दोपहर एक बजे तक सिर्फ 1028 वोट ही मिले हैं। यहां पर 1328 वोट नोटा के खाने में पड़े हैं। ऐसे में उरूसा पुरवा सीट से पांचवें नंबर पर बनी हुई हैं।

Asianet News Hindi | Published : Mar 10, 2022 10:44 AM IST / Updated: Mar 10 2022, 04:43 PM IST

उन्नाव: उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 के मतदान से पहले बड़ी घोषणा करने वाले प्रख्यात शायर मुनव्वर राना को दोहरा आघात लगा है। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी जहां लगातार दूसरी बार सरकार बनाने की ओर है, वहीं मुनव्वर राना की तबीयत परिणाम घोषित होने से पहले खराब हो गई। इतना ही नहीं उनकी पुत्री उन्नाव के पुरवा से कांग्रेस की प्रत्याशी उरूसा तो पांचवें स्थान पर हैं, उनको तो नोटा से भी कम वोट मिल रहे हैं।

योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश का दोबारा मुख्यमंत्री बनने की स्थिति में उत्तर प्रदेश छोड़ देने की घोषणा करने वाले मुनव्वर राना की बेटी की सीट का भी हाल काफी बुरा है। कांग्रेस की ओर से उन्नाव की पुरवा सीट से उम्मीदवार उरूसा काफी बुरी शिकस्त झेलने की ओर बढ़ रही हैं।

चुनाव आयोग के आकड़ों के मुताबिक
शाम चार बजे तक के आंकड़े के अनुसार उरूसा को नोटा से भी कम वोट मिले हैं। पुरवा से भाजपा के अनिल कुमार सिंह सबसे आगे हैं। दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी के उदय राज हैं। उरूसा राना को दोपहर एक बजे तक सिर्फ 1028 वोट ही मिले हैं। यहां पर 1328 वोट नोटा के खाने में पड़े हैं। ऐसे में उरूसा पुरवा सीट से पांचवें नंबर पर बनी हुई हैं।

इससे पहले शायर मुनव्वर राना ने कहा था कि योगी आदित्यनाथ दोबारा मुख्यमंत्री बने तो यूपी छोड़ दूंगा। उन्होंने घोषणा की था कि वह लखनऊ से दिल्ली या फिर कोलकाता चले जाएंगे। अब नतीजे आने से पहले मुनव्वर राना की तबीयत खराब हो गई है। मुनव्वर राना बीमार पड़ गए हैं। अब तो यहां भाजपा की सरकार बन रही है।

अब मुनव्वर राना ने अपनी पूर्व की घोषणा पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। उनकी तीन दिन से तबीयत खराब है और वह घर पर ही रहकर अपना इलाज करवा रहे हैं। मशहूर शायर मुनव्वर राना ने कहा था कि पांच वर्ष में तो हम बच गए, मगर अगले पांच वर्ष में योगी आदित्यनाथ आ गए तो हम जिंदा नहीं बचेंगे। मरना तो वैसे ही है लेकिन बेमौत नहीं मरना चाहता हूं।

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