बसपा सुप्रीमो मायावती ने सभी से वोट करने की अपील करने के साथ ही सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी से खुश नहीं हैं मुसलमान वे उन्हें वोट नहीं देंगे। यूपी के लोगों ने वोट देने से पहले ही सपा को नकार दिया है क्योंकि सपा को वोट देने का मतलब गुंडा राज, माफिया राज है। सपा सरकार में हुए दंगे सपा नेताओं का चेहरा बताता है कि वे सत्ता में नहीं आ रहे हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के गठन के लिए नौ जिलों के 59 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान शुरू हो गया है। पोलिंग पार्टियों ने मतदान प्रक्रिया को प्रारंभ करने के लिए पहले माक पोलिंग से ईवीएम को परखा। चौथे चरण में चार मंत्रियों सहित 624 प्रत्याशी मैदान में हैं। वोटिंग शुरू होने के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने लखनऊ के एक बूथ पर वोट डाला हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सभी से वोट करने की अपील करने के साथ ही सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी से खुश नहीं हैं मुसलमान वे उन्हें वोट नहीं देंगे। यूपी के लोगों ने वोट देने से पहले ही सपा को नकार दिया है क्योंकि सपा को वोट देने का मतलब गुंडा राज, माफिया राज है। सपा सरकार में हुए दंगे सपा नेताओं का चेहरा बताता है कि वे सत्ता में नहीं आ रहे हैं।
चौथे चरण में सूबे की राजधानी लखनऊ और रायबरेली जिले सहित कुल 9 जिलों की 59 सीटों पर 624 उम्मीदवार मैदान में हैं। योगी सरकार के आधा दर्जन से ज्यादा मंत्रियों सहित कई बीजेपी नेताओं की साख दांव पर लगी है तो सपा, बसपा और कांग्रेस के हाईप्रोफाइल नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर है।
लखनऊ की दो सीटों पर योगी के मंत्री
लखनऊ पूर्वी विधानसभा सीट को बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है। 1991 से लेकर 2017 तक बीजेपी जीत दर्ज करती आ रही है। बीजेपी से आशुतोष टंडन एक बार फिर से चुनावी मैदान में हैं तो सपा ने अनुराग भदौरिया को उतारा है। कांग्रेस ने छात्र नेता रहे मनोज तिवारी और बीएसपी ने आशीष सिन्हा ताल ठोक रहे हैं। ऐसे ही लखनऊ कैंट सीट पर बीजेपी से बृजेश पाठक को उतारा है, जो योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री है जबकि सपा ने राजू गांधी को प्रत्याशी बना रखा है। बसपा ने ब्राह्मण व्यवसायी अनिल पांडेय हैं तो कांग्रेस से सिख समुदाय के दिलप्रीत सिंह विर्क को मैदान में हैं।
सरोजनी नगर सीट पर सभी की नजर
लखनऊ की हाई प्रोफाइल सीट सरोजनी नगर पर सभी की निगाहें है। बीजेपी ने इस सीट पर मौजूदा विधायक स्वाति सिंह का टिकट काटकर ईडी के ज्वाइंट डायरेक्टर रहे राजेश्वर सिंह को उतारा है, जिनके सामने सपा ने पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा को उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। कांग्रेस से रुद्र दमन सिंह उर्फ बबलू सिंह को तो बसपा ने जलीस खान को उतारा है। मुस्लिम और दलित वोट बैंक के सहारे जीत के लिए बसपा मैदान में तो सपा ने यादव-ब्राह्मण-मुस्लिम समीकरण के सहारे है। बीजेपी इस सीट पर ठाकुर और शहरी वोटों के सहारे जीत की उम्मीद लगाए है. राजेश्वर सिंह और अभिषेक मिश्रा के चलते ब्राह्मण बनाम ठाकुर के बीच बीच सियासी वर्चस्व की जंग हो रही।