पिटते पिता को बचाने मिन्नते करती रही बेटी, फिर भी भीड़ मुस्लिम युवक को बेरहमी से पीटती रही-3 गिरफ्तार

मामले में असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा- कोई भी सभ्य समाज ऐसे गुंडों का महिमामंडन नहीं करेगा। यदि आपके पास विवेक है, तो आप अब मूक दर्शक नहीं बन सकते। समाज में इस हिंसक कट्टरपंथ से लड़ें। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 13, 2021 5:13 AM IST / Updated: Aug 13 2021, 05:41 PM IST

कानपुर. उत्तरप्रदेश में एक बार मुस्लिम युवक की पिटाई का मामला सामने आया है। पुलिस के अनुसार, मुस्लिम ई-रिक्शा चालक के साथ सड़क पर मारपीट की गई और कथित तौर पर "जय श्री राम" का नारा लगाने के लिए कहा गया, जबकि उसकी नाबालिग बेटी ने मदद की गुहार लगाई। इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, इस मामले में असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। 

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घटना का एक वीडियो बुधवार से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में एक 45 वर्षीय व्यक्ति को एक भीड़ द्वारा परेशान और मारपीट करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो फुटेज में दिख रहा है कि उस मुस्लिम युवक की बेटी अपने पिता को बचाने की कोशिश कर रही है और रो-रोकर भीड़ से नहीं मारने की गुहार लगा रही है।

 

 

शिकायत पर केस दर्ज
पुलिस ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर हमने मामला दर्ज कर लिया है और कानूनी कार्रवाई की जा रही है।  हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि इस मामले में कौन सा संगठन शामिल है। पुलिस में दर्ज शिकायत में ई-रिक्शा चालक ने कहा है कि वह बुधवार दोपहर करीब तीन बजे अपना ई-रिक्शा चला रहा था, तभी आरोपियों ने गाली-गलौज और मारपीट शुरू कर दी। उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी। उसने दावा किया कि उसे पुलिस ने बचा लिया। उप पुलिस आयुक्त (दक्षिण) रवीना त्यागी के अनुसार घटना बुधवार को कानपुर के बर्रा क्षेत्र में राम गोपाल चौराहे के पास कच्ची बस्ती मोहल्ले की है। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

 

 

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- इन्हें पता है हमें कुछ नहीं होगा
मामले में असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा- कोई भी सभ्य समाज ऐसे गुंडों का महिमामंडन नहीं करेगा। यदि आपके पास विवेक है, तो आप अब मूक दर्शक नहीं बन सकते। समाज में इस हिंसक कट्टरपंथ से लड़ें। कट्टरपंथी हिंसक अपराधियों को पता है कि उन्हें कुछ नहीं होगा। इस तरह के क्रूर अपराधों के लिए उन्हें सामाजिक बहिष्कार का सामना करने की भी संभावना नहीं है। उन्होंने पुलिस की मौजूदगी में एक मुस्लिम व्यक्ति को पीटा लेकिन पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया।  

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