सार

राज्य में 39 और जातियों को ओबीसी में शामिल किए जाने के बाद इस वर्ग में प्रतिस्पर्धा और बढ़ जाएगी। क्योंकि ओबीसी को महज 27 प्रतिशत ही आरक्षण है।

लखनऊ। यूपी में विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही राजनीतिक दलों की पैंतरेबाजी भी शुरू हो गई है। राज्य सरकार प्रदेश की 39 जातियों को ओबीसी में शामिल करने के संकेत दिए हैं। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने सर्वेक्षण रिपोर्ट के साथ योगी सरकार से सिफारिश करने का फैसला लिया है। संसद में ओबीसी संशोधन बिल पास होने के बाद अब राज्यों के पास ओबीसी लिस्ट में शामिल करने का अधिकार हो गया है। 

इन जातियों को ओबीसी में किया जा सकता है शामिल

वैश्य, जायस्वर राजपूत, भूटिया, रूहेला, अग्रहरि, दोसर, मुस्लिम शाह, मुस्लिक कायस्थ, हिंदू कायस्थ, कोर क्षत्रिय राजपूत, दोहर, अयोध्यावासी वैश्य, बरनवाल, कमलापुरी वैश्य, केसरवानी वैश्य, बगवां, भट्ट, उमर बनिया, महौर वैश्य, हिंदू भाट, गोरिया, बॉट, पंवरिया, उमरिया, नोवाना, मुस्लिम भट। 

इन जातियों को ओबीसी में शामिल करने के लिए होगा सर्वे

खार राजपूत, पोरवाल, विश्नोई, पुरुवर, कुंदर खराड़ी, बिनौधिया वैश्य, माननीय वैश्य, गुलहरे वैश्य, गढ़ैया, राधेड़ी, पिठबाज। 

ओबीसी में बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा

राज्य में 39 और जातियों को ओबीसी में शामिल किए जाने के बाद इस वर्ग में प्रतिस्पर्धा और बढ़ जाएगी। क्योंकि ओबीसी को महज 27 प्रतिशत ही आरक्षण है। बीजेपी ने थोक में जातियों को ओबीसी में शामिल कर आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मास्टर स्ट्रोक खेला है। ओबीसी की प्रतिनिधि जातियां सपा व अन्य खेमे में होने की वजह से कई अन्य ओबीसी जातियां बीजेपी की ओर आ सकती हैं। 

यह भी पढ़ें:

मैं सुरक्षा घेरा बनाए थी तभी मेरी ओर दो सांसद बढ़े...संसद के मार्शल्स की आपबीती सुन आप भी रह जाएंगे हैरान

12वें ज्योर्तिलिंग श्रीसाइलम का दर्शन करने पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, पत्नी सोनल शाह भी साथ, हुआ भव्य स्वागत

इंद्र 2021ः आतंकवाद के खात्मे के लिए भारत-रूस साथ-साथ बढ़ा रहे कदम

फंस गई ममता बनर्जी...तो क्या पांच नवम्बर के बाद देंगी इस्तीफा!

Make in India: स्वदेशी क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण, मिसाइल export कर भारत कमाएगा 5 ट्रिलियिन डॉलर

लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगितः 20 बिल हुए पास लेकिन बर्बाद हो गए 96 में 74 घंटे, महज 22 घंटे ही चला सदन