पीएम मोदी की सभा में शामिल होने के लिए करीब 2 लाख लोगों को लाने का टारगेट है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों को लाने और पहुंचाने के लिए 2 हजार बसों का इंतजाम किया जा रहा है। डीएम रवीश गुप्ता की तरफ से रोडवेज के प्रबंध निदेशक को बसों का इंतजाम करने के लिए पत्र लिखा गया है।
सुल्तानपुर : उत्तर-प्रदेश (uttar pradesh)की बहुप्रतीक्षित लखनऊ-गाजीपुर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण 16 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (narendra modi) करेंगे। पीएम के इस कार्यक्रम में भारी भीड़ जुटाने की तैयारी है। जिसकी जिम्मेदारी सुल्तानपुर (sultanpur) प्रशासन के कंधों पर है। मोदी की सभा में शामिल होने के लिए करीब 2 लाख लोगों को लाने का टारगेट है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों को लाने और पहुंचाने के लिए 2 हजार बसों का इंतजाम किया जा रहा है। डीएम रवीश गुप्ता की तरफ से रोडवेज के प्रबंध निदेशक को बसों का इंतजाम करने के लिए पत्र लिखा गया है।
इतनी बसों का पेमेंट कौन करेगा
सुल्तानपुर डीएम ने पीएम मोदी के कार्यक्रम में भीड़ जुटाने के लिए उत्तर प्रदेश परिवहन निगम लखनऊ (lucknow) के प्रबंध निदेशक से 2 हजार बसें मांगी हैं। इसके लिए 70% बसें सुल्तानपुर से, जबकि बाकी बसें अंबेडकर नगर (Ambedkar Nagar) और अयोध्या (ayodhya) से भेजी जानी हैं। डीएम ने बताया कि लोगों के लाने-ले जाने के लिए बसों की मांग जरूर की है, लेकिन यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण यानी UPEIDA करा रहा है। इसलिए इस खर्चे का पेमेंट भी वही करेगा, हालांकि इस दौरान राजस्व नुकसान के सवाल का जवाब देने से वे बचते नजर आए।
5 करोड़ होगा खर्च
अयोध्या मंडल परिवहन निगम के एक अधिकारी ने बताया कि एक दिन में 400 किलोमीटर तक का एक रोडवेज बस का खर्च करीब 24 हजार रुपए आता है। इस हिसाब से देखा जाए तो 2 हजार बसों के आवागमन में करीब 5 करोड़ का खर्च आएगा। वहीं UPEIDA चीफ अनिल पांडेय का कहना है कि, जो भी जिलाधिकारी के माध्यम से बसों की डिटेल आएगी, उसका पेमेंट होगा।
कार्यक्रम की तैयारियों में अफसर जुटे
बता दें कि करीब 42 हजार करोड़ रुपये से बनकर तैयार पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर प्रशासनिक अमला तैयारियों में जुटा हुआ है।
डीएम रवीश गुप्ता, एसपी डॉ. विपिन कुमार के साथ एयर मार्शल आरजे डकवर्थ समेत कई अफसरों ने कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया। 16 नवंबर को होने वाले इस कार्यक्रम से पहले 10 नवंबर तक यह सरकार को सौंप दिया जाएगा। इसके बाद वायुसेना एयर स्ट्रिप पर 12 या 13 नवंबर को लड़ाकू विमानों को उतार कर ट्रायल करेगी।
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