सबसे अधिक मतदान पीलीभीत और लखीमपुर खीरी जिले में 67 प्रतिशत से अधिक हुआ। सबसे कम वोट उन्नाव जिले में 57.73 प्रतिशत पड़े हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में इन सीटों पर कुल 62.55 प्रतिशत मतदान हुआ था। वहीं, विधान सभा सीटों में सबसे अधिक 71 प्रतिशत मतदान पीलीभीत की बरखेड़ा में हुआ है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के चौथे चरण में नौ जिलों की 59 सीटों के लिए बुधवार को 61.65 प्रतिशत वोट डाले गए। यानी लगातार चौथा चरण भी मतदान के लिहाज से फर्स्ट डिवीजन पास हो गया। सबसे अधिक मतदान पीलीभीत और लखीमपुर खीरी जिले में 67 प्रतिशत से अधिक हुआ। सबसे कम वोट उन्नाव जिले में 57.73 प्रतिशत पड़े हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में इन सीटों पर कुल 62.55 प्रतिशत मतदान हुआ था। वहीं, विधान सभा सीटों में सबसे अधिक 71 प्रतिशत मतदान पीलीभीत की बरखेड़ा में हुआ है। खीरी की निघासन में 69.39 प्रतिशत व सबसे कम 52.60 प्रतिशत वोट सीतापुर विधानसभा सीट पर पड़े हैं। छिटपुट शिकायतों को छोड़कर मतदान शांति पूर्ण रहा। इसके साथ ही 91 महिला सहित 624 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई है। वहीं करहल क्षेत्र के जसवंतपुर बूथ पर पुनर्मतदान में 75.83 फीसद वोटिंग हुई।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि चौथे चरण में नौ जिलों के 13,817 मतदान केंद्रों के 24,643 पोलिंग बूथों पर वोट डाले गए। इनमें से 874 आदर्श मतदान केंद्र थे जबकि 142 पिंक बूथ बनाए गए थे, जिनमें सिर्फ महिला कर्मचारियों की तैनाती की गई थी। दिव्यांग मतदाताओं के लिए जिलों में व्हील चेयर और जगह-जगह पर वालंटियर की व्यवस्था भी की गई थी। चौथे चरण के चुनाव को निष्पक्ष, भयमुक्त और शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 860 कंपनियां तैनात की गई थी। चुनाव प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए आयोग ने एक वरिष्ठ सामान्य प्रेक्षक, एक वरिष्ठ पुलिस प्रेक्षक व दो वरिष्ठ व्यय प्रेक्षक भी तैनात किए थे। इसके अलावा 57 सामान्य प्रेक्षक, नौ पुलिस प्रेक्षक व 18 व्यय प्रेक्षक पहले से तैनात थे। चुनाव के लिए कुल 1,15,725 कर्मियों को लगाया गया था।
आचार संहिता उल्लंघन की दर्ज हुईं 865 शिकायतें
चौथे चरण में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन की कुल 865 शिकायतें दर्ज हुईं हैं। इनमें 503 शिकायतें फ्लाइंग स्क्वायड, स्टैटिक सर्विलांस टीम एवं अन्य ने दर्ज कराई हैं। इन पर विधिक कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा 362 शिकायतें मोबाइल एप सी-विजिल पर सीधे प्रदेशवासियों ने की हैं। जांच के दौरान 71 शिकायतें सही पाई गईं हैं, इन पर कार्रवाई की गई है।