UP Chunav 2022: गुलाबी गैंग की कमांडर संपत पाल ने कांग्रेस का छोड़ा साथ, BJP में हुईं शामिल

संपत पाल ने जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश में गुलाबी गैंग की करीब 12 लाख महिलाएं हैं और उनका दल पूरे भारत में फैला हुआ है। संपत पाल ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस को जिस सम्मान के साथ जीवन में शामिल किया था, अब उन्हें वह सम्मान मिल नहीं रहा। उन्होंने कहा कि टिकट न मिलने पर उन्होंने इस्तीफा दिया, लेकिन किसी ने फोन कर पूछना भी जरूरी नहीं समझा। अब वह बीजेपी में अपने स्वाभिमान के लिए शामिल हुई हैं, टिकट के लिए नहीं।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीति फिर गरमा गई है। दरअसल, गुलाबी गैंग की कमांडर संपत पाल ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है और अब वह बीजेपी का दामन थाम लिया है। सीएम योगी के मंच पर बीजेपी के क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह ने संपत पाल ने सदस्यता दिलाई। उनके साथ उनके दल के तमाम साथी भी बीजेपी में शामिल हुए। 

दलालों के चंगुल में है कांग्रेस: संपत पाल
मालूम हो, संपत पाल को महिला अधिकारों के लिए देश ही नहीं, पूरी दुनिया में जाना जाता है। बताया जा रहा है कि उन्हें इस बार कांग्रेस से टिकट नहीं मिला, जिस वजह से वह नाराज हो गईं और पार्टी छोड़ने का फैसला लिया। भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस दलालों के चंगुल में है। इससे पार्टी का बेड़ा गर्क हो रहा है। 

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यूपी में गुलाबी गैंग के 10-12 लाख सदस्य
संपत पाल ने जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश में गुलाबी गैंग की करीब 12 लाख महिलाएं हैं और उनका दल पूरे भारत में फैला हुआ है। संपत पाल ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस को जिस सम्मान के साथ जीवन में शामिल किया था, अब उन्हें वह सम्मान मिल नहीं रहा। उन्होंने कहा कि टिकट न मिलने पर उन्होंने इस्तीफा दिया, लेकिन किसी ने फोन कर पूछना भी जरूरी नहीं समझा। अब वह बीजेपी में अपने स्वाभिमान के लिए शामिल हुई हैं, टिकट के लिए नहीं। 

सबसे प्रभावशाली महिलाओं की लिस्ट में संपत पाल
बता दें, संपत पाल का जन्म साल 1947 में हुआ था। बांदा के बदौसा गांव में संपत पाल ने ग्रामीण महिलाओं को एक कर एक दल बनाया और नाम रखा गुलाबी गैंग. इस संगठन में जितनी महिलाएं शामिल हुईं, वह संगठन के कार्य के दौरान गुलाबी सारी पहनने लगीं, मानो कोई यूनिफॉर्म हो। इसी गुलाबी सारी से गुलाबी गैंग को पहचान मिली। संपत पाल और उनके साथियों ने महिलाओं को उनका अधिकार दिलाने के लिए काफी संघर्ष किया। उनके इसी संघर्ष की वजह से साल 2011 में अंतरराष्ट्रीय पत्रिका द गार्जियन ने संपत पाल को 100 प्रभावशाली प्रेरक महिलाओं की लिस्ट में शामिल किया। 

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