PM मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके अजय राय ने भरी हुंकार, कहा- मेरे लिए कोई चुनौती नहीं

अजय राय ने कहा कि मेरे लिए कोई चुनौती नहीं है मैं दूसरों के लिए चुनौती बनता हूं । करखियांव में अमूल फैक्ट्री का शिलान्यास मोदी जी ने किया लेकिन 30 जनवरी 2014 को उस जमीन का एग्रीमेंट हमारे कार्यकाल में कराया गया था जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया तो कहीं न कहीं उस विधानसभा में अजय राय ही चुनौती बना हैं । 

Asianet News Hindi | Published : Jan 13, 2022 11:52 AM IST / Updated: Jan 13 2022, 05:37 PM IST

अनुज तिवारी
वाराणसी:
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Vidhan Sabha Election 2022) को लेकर कांग्रेस पार्टी ने अपनी पहली उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। कांग्रेस ने 125 उम्मीदवारों की लिस्ट में 50 महिलाओं को टिकट दिया है। जिसमें वाराणसी के पिंडरा विधानसभा से अजय राय को टिकट दिया गया है। 

पूर्व में यह रहा इस विधानसभा का इतिहास
आज़ाद भारत में साल 1952 में जब पहली बार यूपी में इलेक्शन हुआ तो वाराणसी की कोलअसला सीट पर कांग्रेस के देवमूर्ति शर्मा ने जीत हासिल की। उसके बाद इस सीट पर वामपंथी उदल का कब्ज़ा साल 1962 में हुआ।  इसके बाद 1967 में उदल और 1969  एक बार फिर इंडियन नेशनल  कांग्रेस के उम्मीदवार अमरनाथ दुबे ने जीत हासिल की पर एक बार फिर उदल ने 1974 में जीत हासिल की जो 1977, 1980  तक जारी रही। 1985  में कांग्रेस के रमाकांत पटेल ने तख्ता पलट किया। 

उसके बाद साल 1989 से लेकर 1993 के चुनाव तक कोलअसला वामपंथियों का गढ़ रहा और उदल ने बाज़ी मारी।  उसके बाद अजय राय ने साल 1996 में उदल के विरुद्ध ताल ठोकी तो लोगों को भरोसा नहीं था की अजय राय इस किले को तोड़ सकते हैं पर अजय राय ने 1996 से जो जीत की राह भाजपा के रथ पर बैठकर पकड़ी वह लगातार 2007 तक गयी। 

यहाँ पार्टी से हुए मनमुटाव के बाद 2009 के बाईपोल में अजय राय निर्दलीय जीत गए। 2012 में अजय राय ने कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की पर 2017 में उनके  ही करीबी और चुनाव के ठीक पहले भाजपा जॉइन करने वाले डॉ अवधेश सिंह ने उन्हें शिकस्त दी।

इस क्षेत्र में पटेलों के साथ साथ भूमिहार वर्ग का वर्चस्व है । ज्यादातर हिस्सा ग्रामीण है और ग्रामीण सड़कों की हालत काफी दयनीय है। क्षेत्र में सिचाई और बिजली एक बड़े मुद्दे के रूप में है। 2017 में चुनाव हारने के बाद से अजय राय एक बार फिर से क्षेत्र में सक्रिय हुए और लगातार अपनी स्थिति को मजबूत कर रहे हैं। पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके अजय राय गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं और वाराणसी में आज की तारीख में कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा हैं।

टिकट उम्मीदवार बनने के बाद अजय राय ने भरा हुंकार
कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी लिस्ट में प्रियंका गांधी ने एक बार अपने पूराने साथी अजय राय को पिंडरा विधानसभा से टिकट दिया है । टिकट मिलने के बाद अजय राय ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता है कि हम जनता की सेवा करें उनके साथ अपने आप को समर्पित भाव से उनके साथ खड़े रहे। केवल चुनाव लड़ना और एक कैंडिडेट बनकर उनके सामने खड़ा रहना यह हमारा काम नहीं है । हम साल के 365 दिन उस विधानसभा में मौजूद रहते हैं। पिंडरा गांव मेरा पूरा परिवार है । घर से लेकर घाट तक मेरा रिश्ता उनके साथ है। मैं चुनाव जीता और हारा दोनों परिस्थितियों में मैं जनता के साथ खड़ा रहा। मेरे काम करने का तरीका बाकी लोगों से एकदम अलग है मेरी सोच अलग है पिंडरा परिवार ने मुझे उस लायक समझा है उस स्थान तक पहुंचाया है। जीवन प्रयत्न मैं उस विधानसभा के लिए कार्य करता रहूंगा। 

विकास कार्यों पर बीजेपी पर साधा निशाना
अजय राय ने कहा कि मेरे लिए कोई चुनौती नहीं है मैं दूसरों के लिए चुनौती बनता हूं । आज पिंडरा विधानसभा में चर्चा है। कि जो चुनाव लड़ेगा वो अजय राय के खिलाफ लड़ेगा । करखियांव में अमूल फैक्ट्री का शिलान्यास मोदी जी ने किया लेकिन 30 जनवरी 2014 को उस जमीन का एग्रीमेंट हमारे कार्यकाल में कराया गया था जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया तो कहीं न कहीं उस विधानसभा में अजय राय ही चुनौती बना हैं । 

सोशल मीडिया से ज्यादा डोर टू डोर प्रचार पे है भरोसा
सोशल मीडिया पर चुनाव प्रचार की बात को लेकर अजय राय ने कहा कि हमें डोर टू डोर चुनाव प्रचार पर भरोसा है । और हम पिछले 5 साल से पिंडरा परिवार के एक-एक घर तक डोर टू डोर जाकर उनकी समस्याओं को सुनते आए हैं। और इस विधानसभा चुनाव में डोर टू डोर चुनाव प्रचार करेंगे। सोशल मीडिया पर हमारे युवाओं की टीम लगातार सोशल मीडिया पर कार्य कर रही है। इसको लेकर हम अपने विधानसभा क्षेत्र में वार रूम भी बनवाया जायेगा। 
 

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